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अरुणाचल प्रदेश में छह स्थानों के नाम बदलने के पीछे चीन की है ये मंशा

भारतीय मीडिया में ऐसी खबरें चल रही हैं कि चीन-भारत सीमा पर अरुणाचल प्रदेश के छह शहरों का नाम बदलना 14वें दलाई लामा की यात्रा के खिलाफ चीन का बदला है।

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 25 Apr 2017 02:01 PM (IST)Updated: Tue, 25 Apr 2017 07:11 PM (IST)
अरुणाचल प्रदेश में छह स्थानों के नाम बदलने के पीछे चीन की है ये मंशा
अरुणाचल प्रदेश में छह स्थानों के नाम बदलने के पीछे चीन की है ये मंशा

बीजिंग, आइएएनएस। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा की अरुणाचल प्रदेश यात्रा के विरोध में चीन धृष्टता पर उतर आया और उसने राज्य के छह जगहों को नया नाम देकर भारत को उकसाने की कोशिश की। हालांकि चीनी विशेषज्ञ का कहना है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में छह स्थानों का नाम बदलकर दलाई लामा की यात्रा का विरोध नहीं किया, बल्कि सीमावर्ती वार्ता में नई दिल्ली को कोई रियायत नहीं देने के लिए बीजिंग के संकल्प को व्यक्त किया है।

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चाइना वेस्‍ट नॉर्मल यूनिवर्सिटी में भारतीय अध्ययन केंद्र के निदेशक लांग सिनचुन ने कहा कि बीजिंग ने अरुणाचल प्रदेश के तिब्बती आध्यात्मिक नेता की बार-बार यात्रा कराने के नई दिल्ली के उकसाने वाले कदम के खिलाफ उदारता दिखाई, पलट कर वार नहीं किया। 

लांग सिनचुन का कहना है कि कुछ "कट्टरपंथी" भारतीयों ने सोचा था कि  बीजिंग इस मुद्दे पर नई दिल्ली से सशस्त्र संघर्ष कर सकता है। उन्‍होंने कहा कि भारत को चीन के साथ 1962 में हुए युद्ध के अपने 'गलत रणनीतिक निर्णय' से सीखना चाहिए। 

चीनी विशेषज्ञ बोले, 'भारतीय मीडिया में ऐसी खबरें चल रही हैं कि चीन-भारत सीमा पर अरुणाचल प्रदेश के छह शहरों का नाम बदलना 14वें दलाई लामा की यात्रा के खिलाफ चीन का बदला है। लेकिन ऐसा बिल्‍कुल नहीं है। दरअसल, इस कदम से सीमावर्ती वार्ता में नई दिल्ली को कोई रियायत नहीं देने के लिए बीजिंग के संकल्प को व्यक्त किया है। पिछले लंबे समय से ग्‍लोबल टाइम्‍स डेली में यह खबर आ रही है कि नई दिल्ली ने दक्षिण तिब्बत पर नियंत्रण को मजबूत करने के प्रयास में कई बार विवादित क्षेत्र का दौरा करने के लिए दलाई लामा की व्यवस्था की है।

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