'महाराष्ट्र में बीफ खाने की आजादी लेकिन काटना जुर्म'
बॉम्बे हाईकोर्ट में महाराष्ट्र सरकार के कानून के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य में बीफ पर बैन जारी रहेगा।
मुंबई, (एएनआई)। महाराष्ट्र में बीफ पर बैन जारी रहेगा। बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के बीफ बैन पर लगी रोक को हटाने से इन्कार कर दिया है। हालांकि हाईकोर्ट ने राज्य पशु संरक्षण अधिनियम के उस सेक्शन को रद्द कर दिया जिसमें राज्य के बाहर से गोमांस आयात करने पर भी कार्रवाई किए जाने का प्रावधान था।
हाईकोर्ट ने अपने अहम आदेश में कहा कि बीफ रखना जुर्म नहीं है और इस पर सजा नहीं होगी। लेकिन राज्य में गौहत्या पर प्रतिबंध जारी रहेगा। हाईकोर्ट ने बीफ खाने वाले लोगों को राहत देते हुए कहा कि महाराष्ट्र के बाहर से बीफ मंगाना अपराध नहीं है।
पढ़े : मुस्लिम भी बोले, गाय काे राष्ट्रीय पशु घोषित करो
नए संशोधन के मुताबिक अगर किसी को गौहत्या का आरोपी पाया जाता है तो उसे पांच साल की सजा और 10 हजार रुपये जुर्माने के तौर पर भरने होंगे। सरकार के इस फैसले से बुचर एसोसिएशन ने नाराजगी जाहिर की और हाईकोर्ट में अपील की थी।
पढ़े : इकलाख के भाई का सीएम को खत, कहा-'जहां पंचायत हुई वहीं हुए दंगे'
राष्ट्रपति ने पिछले साल फरवरी में महाराष्ट्र पशु संरक्षण (संशोधन) कानून 1976 को मंजूरी दी थी। वर्ष 1976 के वास्तविक कानून में गौकशी यानी गोवध पर पाबंदी लगाई गई थी जबकि संशोधित कानून में सांडों के वध के साथ बीफ रखने तथा खाने पर भी रोक लगा दी गई। वध के लिए पांच साल की सजा और दस हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान है जबकि बीफ रखने पर एक साल की सजा और दो हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान रखा गया था।
पढ़े : गौमांस की वजह से मुस्लिमों पर हमले चिंता का विषय: पाक विदेश मंत्रालय