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कालाधन छिपाने वाले अंजाम भोगने को तैयार रहें

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जल्द ही एक निश्चित सीमा के बाद नकद लेन-देन के लिए भी आयकर के स्थायी खाता नंबर [पैन] की जानकारी देना अनिवार्य किया जाएगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 05 Oct 2015 12:17 AM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2015 07:31 AM (IST)
कालाधन छिपाने वाले अंजाम भोगने को तैयार रहें

नई दिल्ली [ब्यूरो,एजेंसी]। सरकार ने विदेशों में जमा कालेधन के साथ ही घरेलू कालेधन पर नकेल कसने की बड़ी तैयारी कर ली है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जल्द ही एक निश्चित सीमा के बाद नकद लेन-देन के लिए भी आयकर के स्थायी खाता नंबर [पैन] की जानकारी देना अनिवार्य किया जाएगा। उन्होंने विदेशों में जमा कालाधन उजागर नहीं करने वाले काले कुबेरों को अंजाम भुगतने की चेतावनी भी दी।

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वित्त मंत्री जेटली ने अपने 'फेसबुक पोस्ट' में देश-विदेश में जमा भारतीयों के कालेधन पर अंकुश का साफ संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि निगरानी तंत्र मजबूत किया गया है। इससे बैंकों से बड़ी नकद निकासी और बड़े नकद लेन-देन को पकड़ा जा सकेगा। अभी बैंकों में 50 हजार रुपए या इससे अधिक जमा करने पर पैन लिखना पड़ता है।

सोने व प्रॉपर्टी पर रहेगी नजर

अभी सोने व प्रॉपर्टी में बड़े पैमाने पर नकद लेन-देन होता है, जिसका कोई हिसाब नहीं होता। इस कालेधन से कीमतों में अनावश्यक उतार-चढ़ाव आते हैं और सरकार को भी कोई कर प्राप्त नहीं होता।

बजट में सीमा 1 लाख रखने का हुआ था विरोध

वित्त मंत्री ने वर्ष 2015-16 के बजट में 1 लाख से ज्यादा की नकद खरीदी-बिक्री पर पैन नंबर अनिवार्य करने की घोषणा की थी। विभिन्न दलों के सांसदों, विधायकों व व्यापार, उद्योग के संगठनों ने इसका विरोध किया था। वित्त मंत्री ने खरीद-फरोख्त के लिए भी पैन अनिवार्य करने की मंशा तो जताई है लेकिन कितनी राशि से ज्यादा के सौदों के लिए यह जरूरी होगा, इसका अभी खुलासा नहीं किया है।

'प्लॉस्टिक मनी' से लगेगा अंकुश

जेटली ने जोर देकर कहा कि देश में भारी मात्रा में कालाधन मौजूद है। इसे पकडऩे के लिए प्लॉस्टिक करंसी [डेबिड, क्रेडिट, कैश कार्ड] को बढ़ावा देंगे। नेट बैंकिंग, पैमेंट बैंक व ई-कॉमर्स का भी विस्तार होगा। 'जैम प्रणाली' [जनधन, आधार व मोबाइल] और डीबीटीएस [डायरेक्ट सबसिडी] भी इस दिशा में एक कदम है। जनधन में 18 करोड़ खाताधारकों को रपे क्रेडिट कार्ड दिया गया है।

मुद्रा योजना में कर्ज क्रेडिट कार्ड से

-मुद्रा योजना में देश के 25 करोड़ परिवारों में से 6 करोड़ को शामिल किया जाएगा।

-मुद्रा योजना के कर्ज भी मुद्रा क्रेडिट कार्ड से ही एटीएम के जरिए ही निकाले जा सकेंगे।

ये चैन से सोएंगे, इनकी उड़ेगी नींद

विदेशों में जमा कालाधन उजागर नहीं करने वालों की जेटली के शब्दों में नींद उड़ जाएगी। 30 सितंबर तक सिर्फ 638 लोगों ने 3770 करोड़ रुपए के विदेशी कालेधन का खुलासा किया है। जेटली ने कहा कि स्व घोषणा योजना में किए गए 3770 करोड़ रुपए के खुलासे को एचएसबीसी बैंक और स्विस बैंक में जमा 6500 करोड़ रुपए के खुलासे से जोड़कर देखना गलत है। यह किसी माफी योजना में आया धन नहीं है। स्वघोषणा करने वालों पर 60 फीसदी कर व जुर्माना लगेगा जबकि नहीं करने वालों को 120 फीसदी कर-जुर्माना और 10 साल जेल कारावास होगा।

चुनावों में कालेधन और बड़े

नोटों पर रोक क्यों नहीं?

जानकारों का कहना है कि यदि सरकार घरेलू कालेधन पर अंकुश के लिए सच में तैयार है तो वह बाबा रामदेव के सुझाव के अनुसार 500 व 1000 के नोटों पर रोक क्यों नहीं लगाती है। इसी तरह वह चुनाव में कालेधन के बढ़ते उपयोग के लिए कठोर कदम क्यों नहीं उठाती। जारी बिहार चुनाव में ही अब तक करोड़ों रुपए बरामद हो चुके हैं।

स्विट्जरलैंड जारी करेगा खातों की सूची

ज्यूरिख [एजेंसी]। स्विट्जरलैंड दिसंबर में उसके यहां बैंकों में खाता रखने वाले भारतीयों व अन्य विदेशियों की एक सूची जारी करेगा। इसमें ऐसे खाते होंगे, जिनके बारे में पिछले 60 साल से किसी ने दावा नहीं किया है।


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