इस्कॉन में स्नान यात्रा उत्सव की धूम, डेढ़ माह के लिए पट बंद
भक्तों ने जयकारों के बीच भगवान जगन्नाथ, बलभद्र तथा सुभद्रा का केसर-चंदन, पंचामृत व पवित्र नदियों के जल से महाभिषेक किया।
उज्जैन। नागझिरी स्थित इस्कॉन के जगन्नाथ मंदिर में मंगलवार को स्नान यात्रा उत्सव मनाया गया। सैकड़ों भक्तों ने जयकारों के बीच भगवान जगन्नाथ, बलभद्र तथा सुभद्रा का केसर-चंदन, पंचामृत व पवित्र नदियों के जल से महाभिषेक किया। मंदिर परिसर में चहुंओर आस्था का उल्लास छाया था। कथा-कीर्तन के साथ भक्ति परवान चढ़ी तो श्रद्धालु मृदंग की थाप पर जमकर झूमे। उत्सव का आगाज तड़के 4.30 बजे मंगला आरती के साथ हुआ। पश्चात इस्कॉन मंदिर इंदौर के प्रमुख महामन प्रभुजी ने भक्तों को जगन्नाथ की कथा सुनाई।
सुबह करीब 9.30 बजे भक्त भगवान के श्रीविग्रह को मंदिर से परिसर में बने विशेष मंच पर लेकर आए। इसके बाद स्नान का सिलसिला शुरू हुआ। स्थानीय के साथ देशभर से आए भक्तों ने मिट्टी के कलशों में भरे कोटितीर्थ व पवित्र नदियों के जल से भगवान को स्नान कराया। दोपहर 12 बजे भगवान का गणपति स्वरूप में विशेष शृंगार कर महाआरती की गई। दोपहर 2 बजे भगवान को पुन: मंदिर में प्रवेश करवाया गया।
काढ़े से होगा भगवान का उपचार
स्नान यात्रा के बाद करीब डेढ़ माह के लिए पुजारियों ने मंदिर के पट बंद कर दिए। इस दौरान काढ़े से भगवान का उपचार किया जाएगा। पीआरओ राघव पंडित दास ने बताया मान्यता है कि शीतल जल से स्नान के कारण भगवान को सर्दी लग जाती है और वे बीमार पड़ जाते हैं। जगन्नाथ शीघ्र स्वस्थ हों, इसके लिए प्रतिदिन भोग में फलों का रस तथा काढ़ा परोसा जाएगा।
अब 18 जुलाई को होंगे दर्शन
भक्तों को भगवान जगन्नाथ के दर्शन अब 18 जुलाई को होंगे। इस्कॉन मंदिर से रथ यात्रा निकाली जाएगी। भगवान रथ पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे।