हिंदी में पाएंगे बैंक लेनदेन पर एसएमएस, एटीएम पर्चियां
केंद्रीय गृह मंत्रालय का प्रस्ताव यदि सरकारी बैंकों ने स्वीकार कर लिया तो जल्द ही बैंकोंके लेनदेन संबंधी एसएमएस और एटीएम से निकलने वाली पर्चियां हिंदी में मिलेंगी। आधिकारिक कामकाज में इस भाषा को बढ़ावा देने की कोशिशों के तहत सरकार ने यह पहल की है।
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय का प्रस्ताव यदि सरकारी बैंकों ने स्वीकार कर लिया तो जल्द ही बैंकोंके लेनदेन संबंधी एसएमएस और एटीएम से निकलने वाली पर्चियां हिंदी में मिलेंगी। आधिकारिक कामकाज में इस भाषा को बढ़ावा देने की कोशिशों के तहत सरकार ने यह पहल की है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग का कहना है कि अभी इंटरनेट बैंकिंग वेबसाइट पर हिंदी भाषा में काम करने की कोई सुविधा नहीं है। सरकारी बैंकों के मोबाइल बैंकिंग एप्लीकेशंस में हिंदी का उपयोग करने की भी सुविधा नहीं है। राजभाषा विभाग ने इस बाबत वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग को हाल ही में पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि बैंकों को सुनिश्चित करना चाहिए कि ग्राहकों को बैंकिंग सुविधा व लेनदेन संबंधी ईमेल और एसएमएस हिंदी में भेजे जाएं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल के अन्य वरिष्ठ सदस्य अपने दैनिक कामकाज में हिंदी का व्यापक उपयोग करने के लिए जाने जाते हैं। मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपना पहला भाषण हिंदी में दिया था। दुनिया के तमाम नेताओं से अक्सर वह हिंदी में ही बातचीत करते हैं।
पत्र कहता है कि बैंक विभिन्न प्रकार की कंप्यूटरीकृत सेवाओं की पेशकश करते हैं। इनमें हिंदी का उपयोग उतना नहीं होता जितना अपेक्षित है। इसके साथ ही एटीएम मशीनों में हिंदी में लेनदेन की पर्चियां प्राप्त करने की सुविधा नहीं है। गृह मंत्रालय चाहता है कि बैंक एटीएम से अंग्रेजी के अलावा लेनदेन संबंधी पर्चियां हिंदी में भी निकलें। मंत्रालय ने इच्छा जाहिर की है कि ग्राहकों के पास इंटरनेट बैंकिंग पोर्टल पर हिंदी में काम करने का भी विकल्प हो। कोर बैंकिंग प्रणाली में हिंदी के उपयोग की गुणवत्ता में सुधार होना चाहिए और हिंदीभाषी राज्यों में यह कार्य स्वाभाविक तौर पर हिंदी में होना चाहिए। सरकारी बैंकों का जनता के साथ काफी संपर्क होता है। इन मसलों पर वित्तीय सेवा विभाग को कई पत्र लिखे गए। हालांकि, बैंकों के साथ हुई चर्चा और जांच में इसका पता लगा कि उक्त सभी मुद्दों पर ज्यादातर बैंकों ने कार्यवाही नहीं की।
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