एक, दो अौर 10 रुपए के सिक्के को लेकर संसद उठा मामला, जानिए- क्या है कारण
शून्यकाल में ही मनोनीत सांसद केटीएस तुलसी ने कहा कि देश का आईटी सेक्टर नौकरियों में कटौती के लिए तैयार बैठा है।
नई दिल्ली, एजेंसी। देश के कई हिस्सों में बैंक और दुकानदार एक, दो व दस रुपए के सिक्के नहीं ले रहे हैं। यह मामला जदयू सांसद अली अनवर अंसारी ने सोमवार को राज्यसभा में शून्यकाल में उठाया।
अंसारी ने कहा कि इस कारण गरीब लोगों को परेशानी हो रही है। सरकार की नोटबंदी पर तंज करते हुए उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में सरकार सिक्के भी वापस लेना शुरू कर दे।
शून्यकाल में ही मनोनीत सांसद केटीएस तुलसी ने कहा कि देश का आईटी सेक्टर नौकरियों में कटौती के लिए तैयार बैठा है। करीब 37 लाख नौकरियां जाने वाली हैं। उन्होंने पीएम मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात में एच1बी वीसा में कटौती का मुद्दा नहीं उठाने पर भी ऐतराज जताया।
दस रुपये के सिक्के को लेकर काफी समय से भ्रम की स्थिति बनी हुई है। ज्यादातर दुकानदार इन सिक्कों को लेने से कतराते हैं। कोई दुकानदार ये तर्क देता है कि जिन दस के सिक्कों पर पन्द्रह लकीरें हैं, वो नकली हैं। कुछ दुकानदार तो दस रुपये का सिक्का लेने के लिए इनकार ही कर देते हैं। चाय की दुकान से माल तक में यही स्थिति दस के सिक्कों को लेकर नजर आती है। हालांकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यह साफ कर चुकी है कि दस के सभी सिक्के असली हैं। इसलिए इन्हें लेने में कोई रिस्क नहीं है। लेकिन जब कुछ बैंक ही कथित तौर पर 10 के इन सिक्कों को लेने से मना कर देते हैं, तो भ्रम पैदा होने लगता है।