बैंक खातों की जांच का दूसरा चरण अगले माह से होगा शुरू
आयकर विभाग 'ऑपरेशन क्लीन मनी' का दूसरा चरण मार्च से शुरू कर सकता है। इस चरण में भी 5 लाख से कम जमा कराने वालों को छोड़ दिए जाने की उम्मीद है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। नोटबंदी के दौरान बैंक खातों में अघोषित नकदी जमा कराने वालों का बचना मुश्किल है। आयकर विभाग इसकी जांच के लिए अपने अभियान 'ऑपरेशन क्लीन मनी' का दूसरा चरण मार्च से शुरू कर सकता है। इस चरण में भी एक बार में पांच लाख से कम जमा कराने वालों को छोड़ दिए जाने की उम्मीद है।
बीते साल आठ नवंबर को पांच सौ और हजार की नोटों को बंद करने का एलान किया गया था। इस फैसले से 86 फीसद करेंसी चलन से बाहर हो गई। अधिकारियों ने बताया कि विभाग नोटबंदी के बाद और इससे पहले की जमाओं का विश्लेषण कराएगा। इसके लिए दो डाटा एनालिलिटिक्स फमरें की अगले दस दिनों में नियुक्ति करेगा। ये फर्मे नोटबंदी के बाद डिपॉजिट के आंकड़े का जमा कराने वालों के आयकर रिटर्न से मिलान करेंगी।
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आठ नवंबर से पहले और बाद में किए गए डिपॉजिट के आंकड़े बैंकों से मिल जाएंगे। आयकर विभाग ने नाम, समान पते, पैन नंबर, टेलीफोन नंबर, ईमेल पते जैसी समानता के आधार पर तमाम जमाओं में तार जोड़ने की कोशिश शुरू की है। इसके दायरे में वही आएंगे, जिन्होंने बड़ी मात्रा में नकदी जमा करवाई है। इसके तहत डाटा की छानबीन और विश्लेषण का काम कम से कम दो साल तक चल सकता है। विभाग ने नोटबंदी के दौरान बैंक खातों में भारी जमाओं के मद्देनजर संभावित कर चोरों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन क्लीन मनी शुरू किया है।
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इसके तहत पांच लाख रुपये से अधिक की संदिग्ध जमा करवाने वाले 18 लाख लोगों को एसएमएस और ईमेल भेजे गए। सात लाख से अधिक लोगों ने ई-फाइलिंग पोर्टल के जरिये अपने जवाब दिए और यह माना कि उन्होंने राशि जमा करवाई है। नोटबंदी के बाद दो लाख रुपये से ज्यादा की राशि में कुल 10 लाख करोड़ रुपये जमा करवाए गए हैं। इसमें से 4.5 लाख करोड़ रुपये की राशि का सत्यापन किया जा रहा है।