बंगाल या बंग पर ममता बनर्जी का अनूठा जनमत संग्रह
पश्चिम बंगाल का नाम बदलने के लिए राज्य सरकार अब इसके लिए आम सहमति बनाने में जुटी है। इसपर विधानसभा के विशेष सत्र में चर्चा होनी है।
कोलकाता (जागरण संवाददाता)। पश्चिम बंगाल का नाम परिवर्तन कर 'बंगाल' या 'बंग' करने पर ममता सरकार आम सहमति बनाने में जुटी है। राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद इसपर विधानसभा के विशेष सत्र में चर्चा होनी है, लेकिन इससे पहले ही तृणमूल प्रमुख ने शुक्रवार को एक सार्वजनिक रैली में अनूठा जनमत संग्रह कर लिया। पार्टी की छात्र इकाई तृणमूल छात्र परिषद के जनसभा के दौरान ममता ने छात्रों से उक्त दो नामों में से एक नाम के चयन का प्रस्ताव रखा, जिस पर अधिकांश छात्रों ने बंग के बजाय बंगाल नाम का चयन किया।
इसके बाद ममता बनर्जी ने कहा कि आप सभी 'बांग्लार माटी, बांग्लार जल' के पक्ष में हैं, इसका मतलब बांग्ला (बंगाल) को देश और दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनाना है। इस पर सभा में ममता के समर्थन में जमकर तालियां बजीं। गौरतलब है कि बांग्लार माटी, बांग्लार जल बांग्ला में रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिए गए एक लोकप्रिय गीत के बोल हैं, जिसे उन्होंने 1905 में बंगाल विभाजन के विरोध में लिखा था।
'संविधान का उल्लंघन कर राज्य सरकारों के कामकाज में दखल दे रहा केंद्र'
मुख्यमंत्री ने जनसभा को कवर कर रहे पत्रकारों से भी राय मांगी। ममता ने कहा कि कुछ लोग यह कहते हैं कि बांग्लादेश पहले से ही एक देश है लिहाजा बंगाल नाम से लोगों को भ्रम हो सकता है, लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता। मुख्यमंत्री ने पंजाब का उदाहरण देते हुए कहा कि पंजाब के नाम से एक राज्य भारत में है जबकि एक पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में, लेकिन इसे लेकर कोई भ्रम की स्थिति नहीं देखी जाती। इसलिए मुझे लगता है कि मेरे भाजपा के मित्रों को भी इससे कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि विधानसभा में भी इस नाम को पारित कर लिया जाएगा।