गांधी जयंती तक खुले में शौच मुक्त हो जायेगा बनारस
बनारस में चल रही केंद्रीय परियोजनाओं की समीक्षा की गई, जिसमें सबसे ज्यादा जोर धार्मिक नगरी को खुले में शौच मुक्त बनाने पर रहा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र बनारस गांधी जयंती तक खुले में शौच मुक्त हो जायेगा। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरु की जाने वाली हैं ताकि बचे खुचे काम इस दौरान पूरे कर लिये जाएं। इसमें राज्य एजेंसियों के साथ केंद्रीय एजेंसियां भी लगा दी गई हैं। बाकी बचे सभी घरों में अक्तूबर से पहले ही शौचालय बना लिये जाएंगे। इस दौरान सामुदायिक शौचालयों के काम भी पूरे कर लिये जाएंगे।
केंद्रीय शहरी विकास सचिव का पदभार संभालने के साथ दुर्गा शंकर मिश्र ने अपनी पहली बैठक में बनारस को खुले में शौच मुक्त बनाने की प्रतिबद्धता जाहिर की। उन्होंने इसके लिए संयुक्त सचिव स्तर के एक आला अफसर को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी है। वह राज्य और केंद्रीय एजेंसियों के बीच समन्वय करेगा। बनारस की गलियों, बरसाती पानी की निकासी की नालियों और नालों की सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
बनारस में चल रही केंद्रीय परियोजनाओं की समीक्षा की गई, जिसमें सबसे ज्यादा जोर धार्मिक नगरी को खुले में शौच मुक्त बनाने पर रहा। इस लक्ष्य को हर हाल में अक्तूबर तक हासिल करने का निश्चय किया गया। शहर में कुल 6000 से अधिक घरों में शौचालय बनाने की सुविधा मुहैया कराई गई, वहीं शहर के विभिन्न हिस्सों में तकरीबन डेढ़ सौ सामुदायिक शौचालयों के निर्माण कराये गये हैं। शहरी विकास सचिव मिश्र ने मंत्रालय के संबद्ध अफसरों से कहा कि वे बनारस नगर निगम के अधिकारियों से इस बाबत लगातार विचार-विमर्श कर उनकी जरूरतों का आकलन करेंगे। ताकि शहर के भीतर कोई भी व्यक्ति खुले में शौच करने को बाध्य न हो सके।
बनारस शहरी क्षेत्र में अटल शहरी कायाकल्प मिशन (अमृत) के तहत 56 हजार घरों में पानी के नल और सीवर कनेक्शन लगाने की योजना की प्रगति की समीक्षा की गई। इसे भी हर हाल में इसी अवधि में पूरा करने पर जोर दिया गया है। ऐतिहासिक नगरी की विरासत को बनाये रखने के लिए हृदय योजना के तहत बनारस में 24 सड़कें बनाई जा रही हैं। 25 हजार हेरिटेज पोल पर एलईडी बल्ब लगा दिये गये हैं।
जापान इंटरनेशनल कोआपरेशन एजेंसी (जिका) के साथ मिलकर बनारस में नया कन्वेंशन सेंटर बनाने का काम जल्दी शुरु होने वाला है। बनारस में स्मार्ट सिटी प्लान के तहत घाट वाले क्षेत्रों की संकरी गलियों को दुरुस्त करने और गंगा के प्रमुख घाटों के विकास के कार्यो की समीक्षा की गई।
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