Move to Jagran APP

'CPEC के नाम पर बलूचिस्‍तान के लोगों का शोषण कर रहा पाकिस्‍तान'

बलूच और सिंध के लोगों ने पाकिस्‍तान और चीन के बीच बन रहे इकनॉमिक कॉरिडोर के खिलाफ लंदन स्थित चीन के दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 22 Feb 2017 08:34 AM (IST)Updated: Wed, 22 Feb 2017 10:16 AM (IST)
'CPEC के नाम पर बलूचिस्‍तान के लोगों का शोषण कर रहा पाकिस्‍तान'
'CPEC के नाम पर बलूचिस्‍तान के लोगों का शोषण कर रहा पाकिस्‍तान'

नई दिल्ली/ लंदन (एएनआई)। पाकिस्तान और चीन के बीच बन रहे इकनॉमिक कॉरिडोर के खिलाफ लंदन में बसे बलूच और सिंध के लोगों ने चीन के दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया है। इस मुद्दे पर वर्ल्ड सिंधी कांग्रेस भी बलूच लोगों के समर्थन में उतरा है। चीनी दूतावास के बाहर विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इकनॉमिक कॉरिडाेर के जरिए पाकिस्तान उनके संसाधनों का गलत इस्तेमाल कर रहा है। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान की सरकार और सेना द्वारा वहां चलाए जा रहे दमन चक्र पर भी कड़ा विरोध जताया।

loksabha election banner

यह पहला मौका नहीं है कि जब बलूच लोगों और नेताओं ने पाकिस्तान और सीपीईसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया हो। इससे पहले बलूचिस्तान की स्थानीय महिलाओं ने पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए वहां की महिलाओं के साथ हो रहे शोषण को खत्म करने और उन्हें छोड़ने मांग की थी।

भारत की चीन को दो टूक, कहा- आतंक के खिलाफ जमीनी स्तर पर करे कार्रवाई

यहां के स्थानीय लोग कई बार यह आरोप लगा चुके हैं कि बलूचिस्तान में सेना महिलाओं का लगातार शाेषण कर रहा है। इन लोगों का आरोप था कि वहां की स्थानीय महिलाओं को यौन दासियों के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।

पाक सांसदों को सताने लगा डर, CPEC से भारत को होगा अधिक फायदा

बलूच एक्टिविस्ट जावेद मेंगल का कहना था कि बलूच युद्ध से घिरा हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि CPEC के नाम पर पाकिस्तान ने बलूचिस्तान के स्थानीय लोगों के खिलाफ ऑपरेशन छेड़ रखा है, वहां से स्थानीय लोगों वहां से खदेड़ा जा रहा है।

युद्ध क्षेत्र बन गया है बलुचिस्तान, हमले रोकने के लिए सरकार को चाहिए ज्यादा अधिकार

... जब पाक ने भारत से की अपील, टकराव छोड़कर सीपीईसी का बनें हिस्सा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.