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वारंट जारी होते ही दिग्विजय कोर्ट में हाजिर, वारंट रद्द

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ जमानती वारंट, पेश हो जाने पर वारंट रद्द

By Sudhir JhaEdited By: Published: Sat, 01 Nov 2014 03:37 PM (IST)Updated: Sat, 01 Nov 2014 07:21 PM (IST)
वारंट जारी होते ही दिग्विजय कोर्ट में हाजिर, वारंट रद्द

नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ आपराधिक मानहानि के मामले में पेश नहीं होने पर शनिवार को जमानती वारंट जारी किया लेकिन बाद में उनके पेश हो जाने पर वारंट रद्द कर दिया गया। मानहानि का केस भाजपा नेता तथा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दायर किया हुआ है।

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दिग्विजय सिंह ने दोपहर तीन बजे मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गोमती मनोचा के सामने पेश होकर वारंट वापस लेने का आग्रह किया। इसके बाद मजिस्ट्रेट ने वारंट को रद्द कर दिया। सिंह ने अगली सुनवाई 10 नवंबर को निजी तौर पर पेश रहने का शपथपत्र भी दिया है। इसके पहले दिन में करीब 12 बजे जब मामला सुनवाई के लिए आया तो सिंह के वकील ने उनकी निजी पेशी से छूट की अर्जी दी, लेकिन गडकरी के वकीलों द्वारा उसका विरोध किए जाने पर कोर्ट ने अर्जी खारिज करते हुए सिंह के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया।

गडकरी को भी चेतावनी

इसके साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को भी अगली सुनवाई 10 नवंबर को हाजिर रहने का निर्देश देते हुए कहा कि गैरहाजिर रहने पर उनकी याचिका खारिज कर दी जाएगी। गडकरी ने यह मामला 2012 में दाखिल किया था। दिग्विजय सिंह ने भाजपा के पूर्व अध्यक्ष गडकरी पर तत्कालीन सांसद अजय संचेती से कारोबारी रिश्ते होने का आरोप लगाया था। गडकरी ने उसी आरोप के लिए सिंह के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया हुआ है। इस मामले में कोर्ट ने माना है कि 'पहली नजर में' दिग्विजय सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 तथा 500 के तहत सबूत हैं।

जमानत प्रदान करते हुए कोर्ट ने उन्हें मुकदमे का सामना करने के लिए पेश होने का हुक्म दिया था। आरोप और शिकायत गडकरी की शिकायत के अनुसार दिग्विजय सिंह ने कहा था कि संचेती को कोयला ब्लॉकों के आवंटन में गडकरी की जेब में 490 करो़ड़ रुपये आए। गडकरी ने अपना बयान दर्ज कराते हुए संचेती के साथ किसी भी कारोबारी रिश्ते से इनकार किया था। उन्होंने आरोपों को 'पूर्णत: गलत तथा अपमानजनक' करार देते हुए कहा था कि यह जताने की कोशिश की गई कि संचेती को कोयला ब्लॉक के आवंटन के लिए वही जिम्मेदार हैं। गडकरी ने अपनी शिकायत में सिंह के आरोपों को अपमानजनक बताते हुए उनके विरद्ध आईपीसी की धारा 499 तथा 500 के तहत मुकदमा चलाने की मांग की है।

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