आज शुरू हो सकती है बदरीनाथ व हेमकुंड यात्रा
पिछले दिनों पहाड़ों पर हुई जबरदस्त बारिश का असर अब मैदानी इलाकों में दिखाई दे रहा है। उत्तराखंड में लगातार बारिश के बाद सोमवार को मौसम साफ रहा। प्रमुख धामों के रास्तों में फैला मलबा भी काफी हद तक हटा लिया गया है। हालांकि भूस्खलन के चलते गंगोत्री व यमुनोत्री हाइवे पर आवाजाही बाधित हो रही है।
नई दिल्ली। पिछले दिनों पहाड़ों पर हुई जबरदस्त बारिश का असर अब मैदानी इलाकों में दिखाई दे रहा है। उत्तराखंड में लगातार बारिश के बाद सोमवार को मौसम साफ रहा। प्रमुख धामों के रास्तों में फैला मलबा भी काफी हद तक हटा लिया गया है। हालांकि भूस्खलन के चलते गंगोत्री व यमुनोत्री हाइवे पर आवाजाही बाधित हो रही है। प्रशासन ने उम्मीद जताई है कि मंगलवार से बदरीनाथ व हेमकुंड यात्रा दोबारा शुरू हो सकती है।
उत्तर प्रदेश की अधिकांश नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के करीब है, जबकि कुछ जिलों में बाढ़ के हालात बन गए हैं। घाघरा, सरयू, गंगा आदि नदियां भयंकर रूप से आबादी की ओर बढ़ती दिख रही हैं। इस दौरान सोमवार को भी दिल्ली में उमस व गर्मी बरकरार रही।
भारी बारिश व भूस्खलन के बीच उत्तराखंड में फंसे यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। घांघरिया से पांच यात्री सोमवार को वापस लौट आए, जबकि बदरीनाथ से 39 लोगों को सुरक्षित जोशीमठ पहुंचाया गया। चमोली के जिलाधिकारी एसए मुरुगेशन ने बताया कि मौसम का मिजाज अनुकूल रहने पर मंगलवार से बदरीनाथ व हेमकुंड साहिब की यात्रा शुरू हो सकती है।
केदारनाथ धाम में सोमवार को चटख धूप खिली रही और प्रशासन द्वारा हेलीकॉप्टर से रसद पहुंचाई गई। केदारनाथ पैदल मार्ग लिनचोली व भीमबली में मलबा आने से अवरुद्ध है। इस दौरान छठे दिन भी कैलास मानसरोवर मार्ग पर आवाजाही ठप रही। पहाड़ पर सैकड़ों मार्ग अवरुद्ध हैं और दर्जनों गांवों का जिला मुख्यालयों से संपर्क कटा हुआ है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में कुछ स्थानों पर बारिश की संभावना जताई है।