वैदिक मंत्रोच्चार के बीच खुले बदरीनाथ के कपाट, दर्शन को उमड़े श्रद्धालु
श्रद्धालु आज से बदरीनाथ धाम के दर्शन कर सकेंगे। आज सुबह तड़के 5.15 बजे मंदिर के कपाट श्रद्धालु आज से बदरीनाथ धाम के दर्शन कर सकेंगे। आज सुबह तड़के 5.15 बजे वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच मंदिर के कपाट खोल दिये गए। कपाट खुलते ही चार धाम यात्रा पूरी से तरह
नई दिल्ली। श्रद्धालु आज से बदरीनाथ धाम के दर्शन कर सकेंगे। आज सुबह तड़के 5.15 बजे वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच मंदिर के कपाट खोल दिये गए। कपाट खुलते ही चार धाम यात्रा पूरी से तरह से शुरू हो गई। इस मौके पर वहां उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत मौजूद थे। मुख्यमंत्री हरिश रावत के अलावा विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, पर्यटन मंत्री दिनेश धनै, बदरीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी और बीकेटीसी अध्यक्ष गणेश गोदियाल भी वहां मौजूद थे।
मुख्यमंत्री हरीश रावत वहां पारंपरिक गीतों के साथ ढोल भी बजा रहे थे और नृत्य भी कर रहे थे।
बदरीनाथ पहुंचे आठ हजार से ज्यादा श्रद्धालु
रविवार को तड़के चार बजे भगवान कुबेर और उद्वव की डोली बदरीनाथ गर्भ गृह पहुंची, जिसके बाद कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू की गई। 5 बजकर 15 मिनट पर वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच कपाट आम श्रद्घालुओं के लिए खोल दिए गए। कपाटोद्घाटन के शुभ मौके पर अखंड ज्योति के दर्शन के लिए देश-विदेश से शनिवार देर शाम तक करीब आठ हजार तीर्थयात्री धाम पहुंचे थे। इन सभी श्रद्धालुओं की उपस्थिति में आज सुबह कपाट खोले गए। सभी भक्तों ने भी भगवान के दर्शन किये। भक्तों के ठहरने के लिए बदरीनाथ में सभी धर्मशालाएं और लॉज खुलवा दिए गए हैं। यात्रियों को पंडों के आवास पर भी टिकाया जा रहा है। इसके अलावा भोजन के लिए सेना व मंदिर समिति के साथ कई निजी लंगर भी लगाए गए हैं।
30 क्विंटल फूलों से सजा है मुख्य मंदिर
बदरीनाथ धाम में मुख्य मंदिर को 30 क्विंटल गेंदे और गुलाब से सजाया गया है तो बिजली-पानी और संचार व्यवस्था बहाल की जा चुकी है। मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों से बर्फ साफ कर दिया गया है, लेकिन नगर में अब कई जगह सात फीट तक बर्फ जमा है। ऐसे में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रख मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते में पुलिस और एसडीआरएफ की टीम को तैनात किया गया है। इसके अलावा बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कंचन गंगा में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के लिए चुनौती बना हिमखंड हटाने का कार्य जारी है। हालांकि छोटे वाहनों के लिए मार्ग को अस्थायी तौर पर खोल दिया गया है। यहां पर हिमखंड के बीच ही लोहे की प्लेट लगाकर वाहनों की आवाजाही पुलिस-प्रशासन की निगरानी में कराई जा रही है।
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