झूठा निकला बदायूं कांड का एकमात्र चश्मदीद गवाह
बदायूं हत्याकांड का एकमात्र चश्मदीद गवाह भी झूठा निकला। पोलीग्राफिक टेस्ट की रिपोर्ट ने साफ कर दिया है कि चश्मदीद गवाह नजरू झूठ बोल रहा है। इसके पहले पोलीग्राफिक टेस्ट में दोनों मृत लड़कियों के पिता भी झूठ बोलते हुए पकड़े गए थे। इसके उलट हत्याकांड के आरोप में गिरफ्तार किए गए सभी पांचों आरोपी पोलीग्राफिक टेस्ट में सत्य बोलते हुए मिले और उनके बेकसूर होने का संकेत मिला। हत्याकांड के साढ़े तीन महीने बाद सीबीआइ को नजरू का मोबाइल बरामद करने में सफलता मिली है और
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। बदायूं हत्याकांड का एकमात्र चश्मदीद गवाह भी झूठा निकला। पोलीग्राफिक टेस्ट की रिपोर्ट ने साफ कर दिया है कि चश्मदीद गवाह नजरू झूठ बोल रहा है। इसके पहले पोलीग्राफिक टेस्ट में दोनों मृत लड़कियों के पिता भी झूठ बोलते हुए पकड़े गए थे। इसके उलट हत्याकांड के आरोप में गिरफ्तार किए गए सभी पांचों आरोपी पोलीग्राफिक टेस्ट में सत्य बोलते हुए मिले और उनके बेकसूर होने का संकेत मिला। हत्याकांड के साढ़े तीन महीने बाद सीबीआइ को नजरू का मोबाइल बरामद करने में सफलता मिली है और इसे फारेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।
सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले महीने लड़कियों के पिता के झूठ पकड़े जाने के बाद एकमात्र चश्मदीद गवाह का पोलीग्राफिक टेस्ट कराने का फैसला किया गया। पोलीग्राफिक टेस्ट के परिणाम से साफ है कि नजरू हत्याकांड के बारे में झूठ बोल रहा है। उन्होंने कहा कि नजरू के बयान को आधार बनाते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने हत्या और बलात्कार का केस दर्ज कर पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। बाद में लड़कियों के कपड़ों की फॉरेंसिक जांच से सीबीआइ इस निष्कर्ष पर पहुंची की उनके साथ बलात्कार हुआ ही नहीं था।
सीबीआइ अधिकारी ने कहा कि साढे़ तीन महीने बाद नजरू का मोबाइल फोन बरामद करने में सफलता मिली है। हत्याकांड के बाद से नजरू अपने मोबाइल के गुम हो जाने का झूठ बोल रहा था। लेकिन पोलीग्राफिक टेस्ट में झूठ बोलते हुए पकड़े जाने के बाद सीबीआइ ने जब नए सिरे से पूछताछ की तो वह टूट गया और उसके बताए ठिकाने से मोबाइल फोन बरामद कर लिया गया।