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बादल ने पीएम को पत्र लिखकर 36 सिखों का नाम ब्लैक लिस्ट से हटाने की मांग की

विदेश में रह रहे 36 सिखों के नाम सरकार की 'गुप्त काली सूची' से हटाने का आग्रह किया था। उनका कहना था कि ऐसे लोगों के नाम सूची से हटा दिए जाने चाहिए जिनके खिलाफ कोई मामला नहीं है या फिर कोई कानूनी प्रक्रिया लंबित नहीं है।

By Atul GuptaEdited By: Published: Tue, 29 Mar 2016 08:46 AM (IST)Updated: Tue, 29 Mar 2016 09:00 AM (IST)
बादल ने पीएम को पत्र लिखकर 36 सिखों का नाम ब्लैक लिस्ट से हटाने की मांग की

नई दिल्ली। विदेश में रह रहे सिखों पर वीजा प्रतिबंध से संबंधित केंद्र सरकार की एक काली सूची से कुछ नामों को हटा दिया गया है। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बाद उठाया गया है।

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पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने प्रधानमंत्री को इस संबंध में एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने विदेश में रह रहे 36 सिखों के नाम सरकार की 'गुप्त काली सूची' से हटाने का आग्रह किया था। उनका कहना था कि ऐसे लोगों के नाम सूची से हटा दिए जाने चाहिए जिनके खिलाफ कोई मामला नहीं है या फिर कोई कानूनी प्रक्रिया लंबित नहीं है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस काली सूची में कई हजार नाम शामिल हैं। हालांकि विभिन्न साझीदारों से विस्तृत चर्चा के बाद कुछ नाम सूची से हटाए जा चुके हैं। यह सूची सुरक्षा एजेंसियों ने विभिन्न स्तरों पर तैयार की थी। इसमें ज्यादातर भारतीय मूल के ऐसे लोगों के नाम हैं जो कथित रूप से विदेश में भारत विरोधी या विध्वंसकारी गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं। इसमें शामिल लोगों के भारत आने पर प्रतिबंध है।

पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने भी इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने सिखों की काली सूची की समीक्षा करने और ऐसे लोगों के नाम हटाने की मांग की थी जो किसी भी आपराधिक मामले में वांछित नहीं थे। ब्रिटिश सिखों के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी प्रधानमंत्री से सूची से सिखों के नाम हटाने का आग्रह किया था।

बता दें कि 1980 और 1990 के दशक में राजनीतिक शरण पाने के लिए बड़ी संख्या में सिख परिवार अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, जर्मनी और दूसरे देशों को पलायन कर गए थे। इनमें से ज्यादातर के खिलाफ भारत में मामले दर्ज थे, लिहाजा उन्हें पिछले दशकों में भारत आने की अनुमति नहीं थी।

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