बाबूलाल का फूटा गुस्सा, बोले- पार्टी में खपा दी पूरी जवानी, अब कहते हैं वृद्धाश्रम जाओ
शिवराज कैबिनेट से निकाले गए पूर्व गृहमंत्री बाबूलाल गौर आलाकमान से बेहद दुखी और नाराज है।
भोपाल, (नई दुनिया)। फार्मूला 75 के तहत शिवराज मंत्रिमंडल से निकाले गए पूर्व गृहमंत्री बाबूलाल गौर उन्हें हटाने के तरीके से बेहद नाराज और दुखी हैं। बोले, इससे मुझे झटका लगा, यह नीति ही गलत है। पार्टी में पूरी जवानी खपा दी, अब कहते हैं वृद्धाश्रम जाओ। यह भाजपा की संस्कृति नहीं है। प्रदेश में कामकाज की बात पर कहा कि 'विकास तो जमीन पर दिखना चाहिए यहां विज्ञापन में दिख रहा है।'
नई दुनिया से हुई विशेष चर्चा में गौर अनेक मुद्दों पर खुलकर बोले। अचानक मंत्री पद छीन लेने से वह आहत हैं। कहा, सभी को बुरा लगा, मेरे क्षेत्र के लोग भी दुखी हैं। अधिकार छीन लेते, बिना विभाग का मंत्री कर देते, लेकिन इस तरह सम्मान पर चोट नहीं करना चाहिए। पुरानी नींव पर नया निर्माण हो पर बुनियाद नहीं हिलाई जाती। अगली भूमिका के सवाल पर वह कहते हैं कि इंतजार करें चार-पांच दिन में घोषणा करेंगे।
मेट्रो का दुख रहेगा
वह कहते हैं कि अफसर और मंत्रीगण फील्ड में नहीं जाते, इसलिए विकास जमीन पर नजर नहीं आता। अब तो विज्ञापनों में कामकाज दिखता है। मंत्री, अफसर और विभागों के बीच तालमेल भी नहीं रहा। इसलिए रिजल्ट नहीं दिखता। भोपाल में मेट्रो को लेकर यही हुआ। मुझे इसका दुख है। मैं 2008 में मेट्रो चलाना चाहता था। श्रीधरन को दो बार बुलाया, लेकिन उन्हें तवज्जो नहीं मिली।
व्यवसाय बन गई राजनीति
मौजूदा सियासत पर तल्ख टिप्पणी करते हुए बोले कि इसमें पूरी ईमानदारी होनी चाहिए, लेकिन आजकल राजनीति व्यवसाय बन गई है। लोग सेवा करने नहीं अन्य प्रकार से लाभ अर्जित करने आते हैं। यह स्थिति मप्र ही नहीं पूरे देश में है।
मैंने दिल्ली से नहीं पूछा
गौर ने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल का एक अनुभव भी बताया। बोले, मैंने उमाशंकर गुप्ता व जगदीश देवड़ा सहित कई ऐसे लोगों को मंत्री बनाया जो पहले रह गए थे। इसके लिए मैंने दिल्ली से नहीं पूछा और न ही किसी ने आपत्ति की।
75 के फॉर्मूले ने ली उम्रदराज मंत्री बाबूलाल गौर और सरताज सिंह की बलि