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अयोध्या ढांचे पर सपा व कांग्रेस में सियासत तेज

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। मस्जिद की दीवार गिराने के नाम पर गौतमबुद्ध नगर की एसडीएम दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन से शुरू हुई मुस्लिम वोटों की सियासत अब अयोध्या के विवादित ढांचा ध्वंस तक पहुंच गई है। उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोटों की होड़ में कांग्रेस को पीछे छोड़ने के लिए मुलायम ने अगर तुरुप का पत्ता चला तो उसकी काट के लिए कांग्रेस से मुस्लिम हितों के सबसे मुखर पैरोकार पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह आगे आ गए हैं।

By Edited By: Published: Tue, 06 Aug 2013 01:44 PM (IST)Updated: Tue, 06 Aug 2013 09:49 PM (IST)
अयोध्या ढांचे पर सपा व कांग्रेस में सियासत तेज

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। मस्जिद की दीवार गिराने के नाम पर गौतमबुद्ध नगर की एसडीएम दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन से शुरू हुई मुस्लिम वोटों की सियासत अब अयोध्या के विवादित ढांचा ध्वंस तक पहुंच गई है। उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोटों की होड़ में कांग्रेस को पीछे छोड़ने के लिए मुलायम ने अगर तुरुप का पत्ता चला तो उसकी काट के लिए कांग्रेस से मुस्लिम हितों के सबसे मुखर पैरोकार पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह आगे आ गए हैं।

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विवादित ढांचा विध्वंस के बारे में तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा को जानकारी होने के मुलायम के दावे पर दिग्विजय सिंह ने सपा सुप्रीमो पर पलटवार किया और कहा कि सब जानते हैं कि किसकी नजदीकियां किसके साथ हैं।

खनन माफिया पर कार्रवाई करने के कारण दुर्गा शक्ति के निलंबन के आरोपों और आलोचनाओं के बावजूद सपा ने इसे सांप्रदायिक रंग देकर चुनावी हित साध लिए। उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने तो इस घटना की तुलना अयोध्या में 1992 के ढांचा ध्वंस से कर दी। हसन ने कहा कि अगर उन्हें हटाया नहीं जाता तो अयोध्या जैसा कांड हो जाता।

सपा सुप्रीमो ने दावा किया कि तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा को दो दिन पहले से विवादित ढांचा को गिराने की योजना की जानकारी थी। बकौल मुलायम, उनकी 4 दिसंबर 1992 को हुई मुलाकत में शर्मा ने यह बात बताई थी।

सपा सुप्रीमो ने यह तुरुप का पत्ता फेंक कांग्रेस की मुस्लिम समर्थन जुटाने की रणनीति पर वार किया तो कांग्रेस से दिग्विजय आगे आए। उन्होंने कहा कि वह नहीं जानते कि मुलायम सिंह की तत्कालीन राष्ट्रपति से क्या बात हुई थी, परंतु इतना तय है कि कांग्रेस ने भाजपा से कभी हाथ नहीं मिलाया। मगर मुलायम का रिकॉर्ड ऐसा नहीं है। वे जनसंघ के साथ गए, 77 और 89 में साथ दिया और बाद में सहयोग भी लिया.।

उन्होंने कहा कि मुलायम वैसे राजनीतिक कारणों के चलते ऐसा बोल रहे हैं, परंतु वह हमारी केंद्र सरकार को समर्थन कर रहे हैं। दिग्विजय ने जोड़ा कि 1992 में हमारी केंद्र की सरकार से गलती हुई थी, जिसके लिए हम कई बार माफी भी मांग चुके हैं।' उन्होंने कहा कि मुलायम की बातें इतिहास के पन्नों में दर्ज है और मामला अदालत में है। दोषियों को सजा जरूर मिलनी चाहिए।

उत्तर प्रदेश में हो रहे दंगों पर उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि मुलायम पहले अपने प्रदेश पर ध्यान दें। उत्तर प्रदेश में दंगे हो रहे हैं, उन्हें अपने राज्य के प्रशासन को ठीक करने पर ध्यान देना चाहिए। वहां जो हो रहा है, वह ठीक नहीं। सपा सरकार को प्रदेश में भाजपा पर नियंत्रण रखना चाहिए।

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