केंद्र में दूल्हा हमारा, बहू विदेशी: रामदेव
विदेश के बैंकों में जमा काले धन को वापस लाने के लिए स्वाभिमान यात्रा पर निकले योगगुरु बाबा रामदेव अपने संबोधन में किसी नेता का नाम नहीं लेते पर उनकी शब्दावली से लोगों को समझने में देर नहीं लगती कि इशारा किसकी तरफ है।
नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। विदेश के बैंकों में जमा काले धन को वापस लाने के लिए स्वाभिमान यात्रा पर निकले योगगुरु बाबा रामदेव अपने संबोधन में किसी नेता का नाम नहीं लेते पर उनकी शब्दावली से लोगों को समझने में देर नहीं लगती कि इशारा किसकी तरफ है।
मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड इलाके के नौगांव [छतरपुर] में उन्होंने कहा, 'देश को लूट लिया है, नरक बना दिया है। भारत में कानून देश का है, पर प्रारूप विदेशी है। जज भारत के हैं, मगर नियम विदेशी हैं। केंद्र सरकार में दूल्हा हमारा है, बहू विदेशी है।'
केंद्र सरकार में राजनीतिक इच्छाशक्ति व ईमानदारी की कमी है। काला धन वापस लाने के बारे में सरकार कहती है कि संधि करनी पड़ेगी। जबकि स्विटजरलैंड के राजदूत कहते हैं कि भारत सरकार पूंछेगी तो पैसा जमा करने वालों के नाम बता देंगे।
बाबा रामदेव ने योजना आयोग की गरीबी की परिभाषा की खिल्ली उड़ाते हुए कहा, सुप्रीम कोर्ट ने गरीब की परिभाषा पूछी तो 'गद्दारों' ने कहा, गांव में रहने वाले जो लोग रोजाना 26 रुपये और शहर में रहने वाले जो लोग 32 रुपये खर्च करते हैं, वे अमीर की श्रेणी में हैं।
इसके बाद उत्तर प्रदेश के महोबा पहुंचने पर योगगुरु ने कहा कि अन्ना हजारे व्यवस्था परिवर्तन से भ्रष्टाचार पर रोक लगाना चाहते हैं और उनका आंदोलन भ्रष्टाचार के समूल नाश के लिए है। दोनों एक ही उद्देश्य के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अन्ना के उनके आंदोलन से दूरी पर रामदेव ने कहा कि यह अन्ना से पूछें। हम तो उनके साथ चलने को तैयार हैं।
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