आजम ने मोदी पर कसा तंज, भड़के भाजपाई
मंगलवार का दिन विधानसभा के शीतकालीन सत्र का अंतिम दिन साबित हुआ। संसदीय कार्य मंत्री मोहम्मद आजम खां द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उनकी पत्नी को लेकर की गई टिप्पणी पर भाजपा सदस्यों ने प्रबल विरोध किया।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो] । मंगलवार का दिन विधानसभा के शीतकालीन सत्र का अंतिम दिन साबित हुआ। संसदीय कार्य मंत्री मोहम्मद आजम खां द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उनकी पत्नी को लेकर की गई टिप्पणी पर भाजपा सदस्यों ने प्रबल विरोध किया। भाजपा के सदस्य कई बार वेल में आए और सत्तारूढ़ दल के सदस्यों से उनकी तीखी नोक झोंक हुई। सरकार विरोधी नारे भी जमकर लगे। हंगामा रुकता न देख आखिरकार विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने अनिश्चितकाल के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
दरअसल हंगामे की शुरुआत संसदीय कार्य मंत्री आजम खां के इस कथन के बाद हुई- 'प्रधानमंत्री की पत्नी स्कूटर पर बैठकर आरटीआइ के माध्यम से अपना स्टेटस जानने जाती हैं। वह अपने पति और प्रधानमंत्री के साथ रहना चाहती हैं। वह अपने लिए सारी सहूलियतें चाहती हैं। लोग जानना चाहते हैं कि देश का बादशाह देश की मलिका के साथ इंसाफ करता है कि नहीं। जो बादशाह देश की मलिका के साथ इंसाफ नहीं कर सकता, जनता को इंसाफ कैसे दे सकता है।'
आजम ने यह टिप्पणी तब की जब भाजपा के सुरेश खन्ना ने सपा मुखिया मुलायम सिंह द्वारा लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे के शिलान्यास पर मंत्रियों पर की गई टिप्पणियों का उल्लेख कर सरकार पर प्रहार किए। भाजपा के सतीश महाना ने कहा कि सपा प्रमुख ने सरकार में कमीशनखोरी की बात खुद कही है तो बताया जाए कि कौन मंत्री कमीशनखोर है। आजम अपनी बात पर अडिग रहे और यह आरोप लगाया कि भाजपा अराजकता पैदा कर सदन नहीं चलने दे रही है।
इस पर भाजपा सदस्य सरकार विरोधी नारे लगाते वेल में आ गए। भाजपा सदस्य आजम और दाऊद के रिश्तों की जांच कराने की मांग कर रहे थे। भाजपा सदस्य सतीश महाना, सुरेश राणा, लोकेन्द्र सिंह, रघुनंदन भदौरिया, धर्मपाल सिंह आदि नारे लगा रहे थे कि 'कमीशनखोरों की सरकार नहीं चलेगी, आतंकवादियों के दम पर सरकार नहीं चलेगी।'
भाजपा विधान मंडल दल के नेता सुरेश खन्ना ने कहा कि जानबूझकर उन विषयों को उठाया जाता है जिनका इस सदन से सम्बंध नहीं है। उन्होंने आजम खां द्वारा प्रधानमंत्री के संबंध में की गई टिप्पणी को कार्यवाही से निकालने की मांग की, जिस पर ठोस आश्वासन न मिलने के कारण भाजपा सदस्य शोर शराबा और हंगामा करते रहे।
सोलह घंटे 26 मिनट चली विधान सभा
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कुल पांच उपवेशन हुए जिनमें 16 घंटे 26 मिनट सदन चला। इस दौरान एक घंटे 20 मिनट स्थगन की भेंट चढ़ गए। सदन के उपवेशन 14,17,18, 19 व 25 नवम्बर को हुए। विधानसभा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार नियम 51 के तहत 295 सूचनाएं प्राप्त हुईं जिनमें 95 स्वीकृत हुई। नियम 56 में कुल 103 सूचनाएं मिलीं जिनमें 83 अस्वीकृत हुई। नियम 300 के तहत मिलीं 207 सूचनाओं में 68 अस्वीकृत हुई।