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नेपाल की आपदा में जन्मा 'आयुष भारत'

नेपाल की आपदा में आगरा के डॉक्टरों ने जान जोखिम में डालकर कई जिंदगी बचाईं। काठमांडू के पास एक गांव में भूस्खलन के बाद सड़क किनारे गर्भवती का प्रसव कराया। नेपाल दंपती के आग्रह पर आगरा के डॉक्टरों ने नवजात का नाम 'आयुष भारत' रखा है।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Mon, 04 May 2015 11:36 PM (IST)Updated: Tue, 05 May 2015 12:34 AM (IST)
नेपाल की आपदा में जन्मा 'आयुष भारत'

आगरा। नेपाल की आपदा में आगरा के डॉक्टरों ने जान जोखिम में डालकर कई जिंदगी बचाईं। काठमांडू के पास एक गांव में भूस्खलन के बाद सड़क किनारे गर्भवती का प्रसव कराया। नेपाल दंपती के आग्रह पर आगरा के डॉक्टरों ने नवजात का नाम 'आयुष भारत' रखा है। सोमवार रात को नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन (एनएमओ) का यह तीन सदस्यीय दल आगरा लौट आया।

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30 अप्रैल को आगरा से डॉ. मीता कुलश्रेष्ठ, डॉ. एस कालरा और डॉ. अनूप दीक्षित एनएमओ के 15 सदस्यीय दल के साथ नेपाल पहुंचे। वे यहां दो मई को काठमांडू से 70 किलोमीटर दूर बेस कैंप सिंधूपाल (भूकंप का केंद्र) बस से जा रहे थे।

रास्ते में भूस्खलन होने पर बस को रोक दया गया तो डॉक्टरों का दल जलवीरे गांव की तरफ पैदल चलने लगा। डॉ. मीता कुलश्रेष्ठ ने बताया कि करीब पांच किलोमीटर चलने पर सड़क किनारे भीड़ लगी हुई थी। यहां संतोषी (18) प्रसव पीड़ा से कराह रही थी।

उन्होंने अपने साथ लेकर गए उपकरणों की मदद से उसका प्रसव कराया। पास ही के स्वास्थ्य केंद्र में 24 घंटे तक मां-बच्चे की देखरेख की। दोनों की जान बचने पर दंपती ने डॉक्टरों से बच्चे का नामकरण करने का आग्रह किया। शिशु की लंबी आयु के लिए आयुष और भारतीय डॉक्टरों के सहयोग के लिए आयुष भारत नाम रख दिया।

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