जंगली जानवरों के शिकारी को गिरफ्तार करने गए पुलिस कर्मियों पर हमला
जंगली जानवरों के शिकारी को गिरफ्तार करने गए पुलिसकर्मियों पर हुए हमले में संघर्ष के दौरान शिकारी की मौत हो गई।
नई दिल्ली (पीटीआई)। जंगली जानवरों का शिकार करने वाले शख्स को गिरफ्तार करने गए पुलिसकर्मियों पर हुए हमले के दौरान हादसा हो गया। इस हादसे में पुलिस की ही गोलियों से शिकारी की मौत हो गई। ये घटना तब हुई जब पुलिसकर्मी इस शख्स को गिरफ्तार करने गए थे, उसी समय घूमंतू जनजातियों ने इन पर हमला कर दिया। बताया जाता है कि पूसा नामक 40 वर्षीय यह शख्स जंगली जानवरों का शिकार करता था। जिसकी काफी समय से पुलिसकर्मियों को तलाश थी।
नागपुर एसपी दारिश देशमुख ने बताया कि आठ पुलिसकर्मियों की एक टीम शाम के समय सिलरिया गांव में इस शख्स को गिरफ्तार करने गई थी लेकिन उसके सदस्यों ने इन पर हमला कर दिया। इसी दौरान अपने बचाव में पुलिस ने हवा में फायर किया। लेकिन पुलिस के द्वारा फायर करने के बावजूद इन जनजातियों का झुंड इकट्ठा होकर पुलिसवालों को डंडे से बेदर्दी से पीटने लगा।
सर्कल ऑफिसर दिनेश सिंह ने बताया कि पूसा जानवरों के शिकार करने के मामले में वॉंन्टेड था। दुर्भाग्यवश पुलिस के द्वारा हवा में फायर करने के दौरान गोली पूसा की जांघ में लग गई और अत्यधिक खून निकल जाने से उसकी मौत हो गई। वह खुद भी बंबागरी जनजाति से संबंध रखता था, ये जनजाति जंगली जानवरों के शिकार के लिए प्रसिद्ध है। लोकल पुलिस स्टेशन के एसएचओ सहित कुल आठ पुलिसकर्मी भी इस हिंसक दुर्घटना में बुरी तरीके से घायल हो गए। इन सभी पुलिस कर्मियों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
सिंह ने आगे बताया कि पुलिसकर्मी पर हमला करने के आरोप में कुछ लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है साथ ही दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि मृतक के परिवार की तरफ से यदि कोई शिकायत दर्ज की जाती है तो इस मामले में केस दर्ज किया जाएगा।