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असम में फिर हिंसा भड़की, नौ घायल

सांप्रदायिक हिंसा से त्रस्त असम के कोकराझाड़ जिले में गुरुवार को फिर हिंसा भड़क उठी। ताजा हिंसा में नौ लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। कामरूप जिले के ग्रामीण इलाकों में भी हिंसा की खबरें हैं, वहां पर पथराव और फायरिंग हुई है।

By Edited By: Published: Thu, 16 Aug 2012 11:53 AM (IST)Updated: Fri, 17 Aug 2012 03:08 AM (IST)
असम में फिर हिंसा भड़की, नौ घायल

कोकराझाड़। सांप्रदायिक हिंसा से त्रस्त असम के कोकराझाड़ जिले में गुरुवार को फिर हिंसा भड़क उठी। ताजा हिंसा में नौ लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। कामरूप जिले के ग्रामीण इलाकों में भी हिंसा की खबरें हैं, वहां पर पथराव और फायरिंग हुई है।

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कोकराझाड़ जिले के गोसाईगंज में टेंपो में सवार समुदाय विशेष के लोगों पर एसिड फेंका गया। घटना में नौ लोग बुरी तरह झुलस गए। उन्हें गंभीर दशा में धुबड़ी के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद इलाके में तनाव पैदा हो गया। सुरक्षा बल भी हरकत में आ गए। इलाके में रात का क‌र्फ्यू अभी जारी है। अभी तक की सांप्रदायिक हिंसा से दूर रहे कामरूप जिले में भी गुरुवार को हिंसक घटनाएं हुईं। जिले के रंगिया इलाके में उपद्रवी लोगों के समूह ने कुछ वाहनों को रोककर उनमें आग लगा दी। गुवाहाटी जा रही एक बस को जलाया गया है। केकाहाटी इलाके में लकड़ी का एक पुल जलाए जाने की घटना हुई है। बक्सा जिले में एक कार जलाए जाने की घटना भी हुई है, घटना के बाद से कार का चालक लापता है।

प्रदेश में जारी सांप्रदायिक हिंसा ने अभी तक 77 लोगों की जान ले ली है और चार लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं। बेघर लोगों में से ज्यादातर सरकारी राहत शिविरों में शरण लिए हैं जबकि कुछ लोग अपने रिश्तेदारों के पास चले गए हैं। लगभग तीन हफ्ते से रुक-रुककर हो रही हिंसा में बोडो आदिवासी और बांग्लादेश से घुसपैठ करके आए लोग एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं।

बेंगलूर से आ रही ट्रेनों के यात्रियों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने स्टेशनों पर अतिरिक्त बल तैनात कर दिए हैं, ताकि लोग सुरक्षित अपने घर पहुंच सकें। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार प्रशासन ऐसा कुछ नहीं होने देना चाहता जिससे स्थिति बिगड़े।

विपक्ष ने की श्वेत पत्र लाने की मांग

गुवाहाटी। असम के मुख्य विपक्षी दल असम गण परिषद [अगप] ने तरुण गोगोई सरकार पर सांप्रदायिक हिंसा से निपटने में अक्षमता का आरोप लगाया है। अगप ने सरकार से हिंसा पर श्वेत पत्र प्रस्तुत करने की मांग की है। अगप अध्यक्ष प्रफुल्ल कुमार महंत ने कहा है कि हिंसा में अगर कोई राजनेता शामिल था, तो उसका नाम भी बेपर्दा किया जाना चाहिए।

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