टोपी पर भी अन्ना की जगह केजरीवाल ने ली
राजनेताओं के घरों पर प्रदर्शन की रणनीति टीम अन्ना के पूर्व सदस्य अरविंद केजरीवाल ने ही तैयार की थी। ऐसे में कुछ लोग अन्ना के साथ केजरीवाल के नाम की बनी टोपी पहन कर आ गए। इस पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मेरे नाम की टोपी उतार दें, टोपी अन्ना के नाम की ही रहेगी।
नई दिल्ली। राजनेताओं के घरों पर प्रदर्शन की रणनीति टीम अन्ना के पूर्व सदस्य अरविंद केजरीवाल ने ही तैयार की थी। ऐसे में कुछ लोग अन्ना के साथ केजरीवाल के नाम की बनी टोपी पहन कर आ गए। इस पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मेरे नाम की टोपी उतार दें, टोपी अन्ना के नाम की ही रहेगी।
अन्ना बगैर अरविंद ने किया शक्ति प्रदर्शन
काग्रेस और भाजपा दोनों पर मिलीभगत कर भ्रष्टाचार व घोटाले का आरोप लगाते हुए अरविंद केजरीवाल वॉ उनकी टीम ने शक्ति-प्रदर्शन किया। पूर्व निर्धारित कुछ घटे के प्रदर्शन की शुरुआत और अंत गाधीगिरी से हुई, लेकिन बीच में उग्र प्रदर्शन कर अरविंद केजरीवाल के समर्थकों ने अपना गर्म रूप भी सरकार को दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यह पहला मौका था कि अन्ना बगैर अरविंद ने आदोलन के अधिकाश रंग को अपने दम पर दिखाने की कोशिश की।
करीब सालभर पहले रामलीला मैदान में अन्ना हजारे के नेतृत्व में आयोजित अनशन में जो जज्बा समर्थकों में दिखाई दिया था, समर्थकों में वही जज्बा रविवार को फिर दिखाई दिया। निर्धारित समय से चार घटे पूर्व सुबह छह बजे ही अन्ना के सहयोगियों अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया, कुमार विश्वास, संजय सिंह विभिन्न राजनेताओं के घर पहुंचे और शातिपूर्ण तरीके से पुलिस की हिरासत में आए। मंदिर मार्ग थाने से जब छूटे तो घेराव के लिए इंडिया अगेंस्ट करप्शन के बैनर तले जंतर-मंतर पर अधिक से अधिक संख्या में लोगों से जुटने की अपील की और सभी स्वयं भी कुछ देर में चले आए।
वहा शुरुआत धरने से हुई, लेकिन हमला जैसे-जैसे केंद्र सरकार तथा भाजपा नेताओं पर तेज होने लगा, समर्थक भी उत्तेजित हो गए। सुबह घेराव ठीक तरह से नहीं हो सका तो समर्थक दोबारा समूह बनाकर प्रधानमंत्री निवास तथा तीन मूर्ति लेन स्थित भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के निवास घेराव करने पहुंच गए। अभी तक शातिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करते आ रहे अन्ना समर्थकों का गुस्सा शात कराने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।
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