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केजरीवाल ने लोगों से मांगे 100-100 रुपये, जानें क्यों संकट में है आम आदमी पार्टी

आम आदमी पार्टी ने एक बेहद भावुक पत्र ई-मेल के माध्यम से जारी किया है, जिसे वेबसाइट पर भी अपलोड किया है।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 20 Oct 2017 12:45 PM (IST)Updated: Sat, 21 Oct 2017 07:19 AM (IST)
केजरीवाल ने लोगों से मांगे 100-100 रुपये, जानें क्यों संकट में है आम आदमी पार्टी
केजरीवाल ने लोगों से मांगे 100-100 रुपये, जानें क्यों संकट में है आम आदमी पार्टी

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने सभी पार्टी कार्यकर्ताओं, नेताओं और दिल्ली की जनता से 100 रुपये मांगे हैं। इसके पीछे एक बड़ी वजह सामने आई है। 
बताया गया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक पत्र जारी कर स्वच्छ राजनीति के लिए सभी से 100 रुपये चंदे की मांग की है।

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केजरीवाल ने इस संबंध में एक पत्र भी जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि राजनीति के लिए बेहद जरूरी है चंदा ईमानदारी का होना चाहिए ताकि जनता के हित में काम किया जा सके।

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केजरीवाल ने सभी से 100 रुपये पार्टी फंड में दान करने की अपील की है, जिससे पार्टी के आर्थिक संकट को आसानी से दूर किया जा सकता है और ईमानदार राजनीति को कायम रखा जा सकता है।

आम आदमी पार्टी ने एक बेहद भावुक पत्र ई-मेल के माध्यम से जारी किया है, जिसे वेबसाइट पर भी अपलोड किया है। इसे पार्टी नेता संजय सिंह ने ट्विटर पर लिंक के माध्यम से साझा किया।

केजरीवाल का पत्र, पढ़ें क्या लिखा है...

केजरीवाल ने पत्र में लिखा है कि पिछले हफ्ते वह पार्टी ऑफिस से लौट रहे थे। तभी पार्टी ऑफिस इंचार्ज बिपुल ने उनसे कहा कि सर कुछ पैसों का इंतजाम करना होगा, बैनर प्रिंट करवाने हैं किसान न्याय सम्मेलन प्रोग्राम के लिए। मैंने तुरंत ही पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता को फोन कर कुछ धनराशि एकत्र करने की गुजारिश की।

तभी मेरे दिमाग में एक अहम सवाल आया कि AAP एक संगठन के तौर पर लगातार जूझ रही है। हो सकता है कि लोगों के मन में यह बात आती हो कि इस पार्टी के 4 सांसद हैं, 86 विधायक हैं, 52 पार्षद हैं। ऐसे में इसे आर्थिक तंगी कहां होगी। ऐसे में यह बताने वाली बात है कि राजनीतिक फंडिंग भी भ्रष्टाचार की एक अहम जड़ है।

केजरीवाल ने खत में लिखा कि एडीआर रिपोर्ट के अनुसार भाजपा और कांग्रेस को 80 प्रतिशत दान अज्ञात सूत्रों के माध्यम से मिला है।

इस प्रकार के चंदे से जो भी सरकार बनेगी वह कहीं न कहीं किसी हित को ध्यान में रखते हुए काम करेगी और जिन लोगों ने पार्टी को चंदा दिया होगा उनके प्रति झुकाव भी होगा।

ऐसे में गलत चंदे से बनी सरकार आम जनता के हित को लेकर क्या करेगी? यही कारण है कि आजादी के 70 साल बाद भी हमारे देश की अधिकतर जनता अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए ही जूझती रहती है।'

केजरीवाल के लिखे खत के मुताबिक, आम आदमी पार्टी ने देश की राजनीति में क्रांति पैदा की है। अपने वादे के अनुसार अच्छी सरकार दी है। पिछले ढाई साल के अंदर दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में काफी सुधार किया गया है।

अब समय आ गया है कि राजनीतिक चंदे की दिशा में भी कुछ नया और अच्छा किया जाए। हमें देश के अन्य राजनीतिक दलों को यह दिखाना होगा कि हम बगैर अपने सिद्धांतों, मूल्यों व वादों से समझौता किए हुए भी अपने संगठन और राजनीतिक खर्चों का वहन कर सकते हैं।


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