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गोरखपुर से पकड़े गए आतंकी पुलिस बल पर हमला करने आए थे

गोरखपुर से पकड़े गए पाकिस्तानी नागरिक और इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) के आतंकी निहत्थे पुलिस बल पर हमला करने के इरादे से नेपाल के रास्ते उत्तर प्रदेश में घुसे थे। उनके कब्जे से एके सीरीज की दो रायफल, दो आधुनिक पिस्तौल और भारत, नेपाल, यूएस की मुद्रा बरामद हुई है। यूपी पुलिस की आतंकवाद निरोधक इकाई ने लखनऊ स्थित थ

By Edited By: Published: Fri, 28 Mar 2014 12:33 AM (IST)Updated: Fri, 28 Mar 2014 12:34 AM (IST)
गोरखपुर से पकड़े गए आतंकी पुलिस बल पर हमला करने आए थे

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। गोरखपुर से पकड़े गए पाकिस्तानी नागरिक और इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) के आतंकी निहत्थे पुलिस बल पर हमला करने के इरादे से नेपाल के रास्ते उत्तर प्रदेश में घुसे थे। उनके कब्जे से एके सीरीज की दो रायफल, दो आधुनिक पिस्तौल और भारत, नेपाल, यूएस की मुद्रा बरामद हुई है। यूपी पुलिस की आतंकवाद निरोधक इकाई ने लखनऊ स्थित थाना एटीएस में एफआइआर दर्ज कर दोनों को अदालत में पेश किया।

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पुलिस प्रवक्ता व आइजी अमरेन्द्र सिंह सेंगर ने बताया कि पकड़े गए आतंकवादियों की पहचान अब्दुल वलीद उर्फ मुर्तजा उर्फ अफरोज निवासी कराची, पाकिस्तान और फहीम उर्फ मोहम्मद ओवैस उर्फ सलाम उर्फ उमर उर्फ शादाब खान निवासी कराची, पाकिस्तान के रूप में हुई है। दोनों ने अफगानिस्तान के तहरीक-ए-तालिबान संगठन से बराउचा हिलमंड 'मास्कर अबू इमाम हनीफा' कैम्प में 40 दिनों का शस्त्र चलाने का प्रशिक्षण लिया। इसके बाद दोनों ओमान एयरवेज के विमान से मस्कट होते हुए नेपाल के काठमांडू पहुंचे। जहां आतंकी सरगना तौसीफ के इशारे पर इंडियन मुजाहिदीन के सदस्यों ने भारतीय मतदाता पहचान पत्र उपलब्ध कराया था, जिसको लेकर ये 26 मार्च को गोरखपुर पहुंचे। जहां इन दोनों को एक अज्ञात व्यक्ति ने दो एके-47 रायफल, कारतूस और पिस्तौलें उपलब्ध करायी थी। आइजी का दावा है कि दोनों आतंकवादियों ने स्वीकार किया है कि वह निहत्थे सुरक्षाबलों पर हमला करने की तैयारी में थे। हमला करने के स्थान की जानकारी आतंकी सरगना तौसीफ द्वारा भेजे गए गुर्गे द्वारा दी जानी थी। टारगेट की जानकारी मिलने से पहले ही आतंकवाद निरोधक दस्ते ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

कैसे पूरा हुआ आपरेशन : पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि कुछ दिन पहले यू-ट्यूब पर 'लायंस ऑफ इंडिया,' 'कंधार से दिल्ली की तरफ' नाम से दो वीडियो क्लिप अपलोड हुए थे, जिसमें एकता व अखंडता को भंग करने और भारत के किसी क्षेत्र में आतंकी हमले की चेतावनी दी गयी थी। इस क्लिप को अपलोड करने के स्थान और उसके संदेशों को ट्रैक करने से मिली जानकारी के आधार पर एटीएस ने जाल बिछाया। बकौल पुलिस छानबीन के दौरान जानकारी मिली कि इंडियन मुजाहिदीन के यासीन भटकल, रियाज भटकल नेपाल के रास्ते भारत में घुसपैठ कराकर सुरक्षा एजेंसियों को निशाना बनाने वाले हैं। इस आधार पर एटीएस ने नेपाल की निगरानी शुरू करायी थी। आखिर गोरखपुर में दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

कोड वर्ड का इस्तेमाल : सुरक्षा एजेंसी के ओहदेदारों का कहना है कि दोनों ही आतंकवादी कोड वर्ड में बात करते थे। उन्होंने निहत्थे सुरक्षा बलों पर हमले के लिए कोड वर्ड बनाया था-'गैर मुसल्ला' जिसका अर्थ खाली हाथ। आतंकियों ने कई और कोर्ड वर्ड भी इजाद किये थे लेकिन उनको नहीं बताया गया।

गिरफ्तार आतंकी

1 : अब्दुल वलीद उर्फ मुर्तुजा उर्फ अफरोज पुत्र मजीद निवासी करांची, पाकिस्तान

2 : फहीम उर्फ मो ओवैस उर्फ सलाम उर्फ उमर उर्फ शादाब खान पुत्र अब्दुल सत्तार निवासी करांची, पाकिस्तान

बरामदगी

एके-47 रायफल दो, .30 बोर की चीन निर्मित दो पिस्तौल, भारत-नेपाल से लिए गए मोबाइल फोन के सिम कार्ड, भारतीय पहचान पत्र (मतदाता पहचान पत्र), 900 यूएस डॉलर, 1170 भारतीय रुपये, 1000 नेपाली रुपये, 100 पाकिस्तानी रुपये। नेपाल और गोरखपुर के होटलों की रसीदें, खान-पान व अन्य वस्तुओं की खरीद के पर्चे, दो पिट्ठू बैग।

आइएम के स्थानीय माड्यूल बने चुनौती

गोरखपुर [वागीश धर द्विवेदी]। बुधवार की रात गोरखपुर से पकड़े गए दोनों आतंकियों को वाहन व असलहा मुहैया कराने की जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) के स्थानीय माड्यूल पर थी। यह बात सामने आने के बाद अब एटीएस के लिए आइएम के स्थानीय माड्यूल्स की शिनाख्त और उन्हें पकड़ना बड़ी चुनौती बन गई है। यह भी बताया जा रहा है कि इन आतंकियों को किसी प्रमुख नेता की रैली पर भी हमला करने का लक्ष्य दिया गया था। संवेदनशील माना जाने वाला गोरखनाथ मंदिर भी उनका टार्गेट हो सकता था।

एटीएस की पकड़ में आए दोनों आतंकी कराची से काठमांठू होते हुए भारत-नेपाल की सोनौली सीमा पर आए थे। वहां से सड़क मार्ग से गोरखपुर पहुंचे। खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के अनुसार आइएम के स्थानीय माड्यूल्स से यहां उन्हें असलहे व विस्फोटक मिलने थे। इन्हें वाहन की व्यवस्था के साथ स्थानीय माड्यूल्स को यह भी बताना था कि उन्हें कहां और कैसे हमला करना है। सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में आइएम से जुड़े कई आतंकियों की फोटो दिखाए जाने पर दोनों ने रियाल भटकल की फोटो पहचानी और उससे मुलाकात की बात भी स्वीकार की, लेकिन उन्होंने उसका नाम तौसिफ उर्फ डेनियल बताया। रियाज भटकल के इस समय पाकिस्तान में होने की खुफिया सूचना है।

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