Move to Jagran APP

बोफोर्स विवाद के तीन दशक बाद भारतीय सेना को मिली नई तोप M777

1980 के दशक में बोफोर्स घोटाले के बाद भारतीय सेना को पहली बार नई तोपें मिलेंगी।

By Monika minalEdited By: Published: Thu, 18 May 2017 10:16 AM (IST)Updated: Thu, 18 May 2017 02:22 PM (IST)
बोफोर्स विवाद के तीन दशक बाद भारतीय सेना को मिली नई तोप M777
बोफोर्स विवाद के तीन दशक बाद भारतीय सेना को मिली नई तोप M777

 नई दिल्‍ली (जेएनएन)। तीन दशक के बाद, भारतीय सेना को इसका पहला भारी आयुध मिल रहा है। अमेरिका के साथ हुए सौदे के अनुसार, 2 अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर तोप भारत आ गया है। इन्हें चीन के साथ सीमा के निकट तैनात किया जाएगा।

loksabha election banner

पोखरण में होगा परीक्षण

बीएई सिस्टम से मिली दो 155 एमएम/39 कैलिबर अल्ट्रा लाइट हॉवित्‍जर (यूएलएच) तोपों का राजस्थान के पोखरण स्थित फायरिंग रेंज में परीक्षण किया जाएगा। वहां भारतीय गोला-बारूद से इनकी टेस्टिंग की जाएगी। इसके बाद 3 तोपों को सितंबर में लाने का प्लान है। फिर 2019 के मार्च से लेकर 2021 के जून के बीच हर महीने 5-5 तोपें आएंगी। बीएई सिस्‍टम के प्रवक्‍ता ने बताया, ‘हमें इस बात की घोषणा करते हुए अत्‍यंत प्रसन्‍नता हो रही है कि अमेरिका के साथ  काफी हल्‍के वजन वाले 145 होवित्‍जर तोपों M777 के सौदे के बाद इस सप्‍ताह इसमें से दो तोप भारत भेजे जा रहे हैं। भारतीय सेना के आयुध आधुनिकीकरण कार्यक्रम के साथ जुड़ने में अमेरिकी सरकार का समर्थन करेंगे।‘

बोफोर्स की बाधा

 1986 में बोफोर्स तोपों की खरीद के बाद इसके सौदे में दलाली के आरोपों ने भारतीय राजनीति में इतना बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था कि नयी तोप खरीदने में करीब 3 दशक का वक्त लग गया। 26 जून 2016 को नरेंद्र मोदी सरकार ने 145 तोपों की खरीद की घोषणा की। फॉरेन मिलिट्री सेल्स (एफएमएस) के तहत सरकार से सरकार के बीच हुए 2900 करोड़ रुपये के इस सौदे पर नवंबर 2016 में अंतिम मुहर लगी और 145 तोपों के लिए अमेरिकी कंपनी बीएई सिस्टम्स के साथ डील पक्‍की हो गयी।

24 से 40 किमी है रेंज

इन तोपों की रेंज 24 से 40 किलोमीटर है। इनके अलावा मेक इन इंडिया के तहत 100 वज्र तोपों के निर्माण पर भी हाल ही में करार हुआ है।  हॉवित्जर तोपों का वजन इसे खास बनाता है। हल्की तोप होने की वजह से इसे कहीं भी ले जाना आसान है। हालांकि इसके टारगेट को ऊंचाई के हिसाब से सेट किया जा सकता है। इस कारण हॉवित्जर 24 से 40 किलोमीटर के तक आसानी से हिट कर सकती है। हॉवित्जर में लगे सेंसर और राडार पहाड़ों के पीछे छिपे दुश्मनों को ढूंढकर गोले बरसा सकते हैं। अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में चीन से लगने वाली सीमा पर हॉवित्जर तोपों की तैनाती की जाएगी।

गत वर्ष नवंबर में हुई थी डील

30 नवंबर को 145 M777 तोपों की खरीद के लिए भारत ने अमेरिका के साथ एग्रीमेंट व एक्‍सेप्‍टेंस (LOA) के कागजात पर हस्‍ताक्षर किया था। 17 नवंबर को यूनियन कैबिनेट ने इस डील को मंजूरी दी जिससे भारतीय सेना और ताकतवर हो जाएगी, विशेषकर चीन के खिलाफ। एम-777 हॉवितजर्स तोपों के खरीद को लेकर अमेरिका से साल 2010 में बातचीत शुरू हुई थी। 1980 के दशक में स्वीडिश कंपनी से खरीदी गयीं बोफोर्स तोपों के बाद भारतीय सेना में कोई नई तोप नहीं शामिल की गयी थी।

यह भी पढ़ें: अमेरिका से 5000 करोड़ में हॉवित्जर तोपों का सौदा, चीन सीमा पर होगी तैनाती


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.