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असम के सिल्क नगरी में क‌र्फ्यू, सेना तैनात

गुवाहाटी [संवाददाता]। गुवाहाटी से सटे कामरूप जिले के सिल्क नगरी-सुआलकुची में शनिवार को पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच झड़प के बाद हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी। जिसमें करीब तीन प्रदर्शनकारी गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हेमंत दास समेत करीब एक दर्जन लोगों को भी चोटें आई हैं।

By Edited By: Published: Sat, 30 Mar 2013 09:20 PM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2013 10:32 PM (IST)
असम के सिल्क नगरी में क‌र्फ्यू, सेना तैनात

गुवाहाटी [संवाददाता]। गुवाहाटी से सटे कामरूप जिले के सिल्क नगरी-सुआलकुची में शनिवार को पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच झड़प के बाद हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी। जिसमें करीब तीन प्रदर्शनकारी गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हेमंत दास समेत करीब एक दर्जन लोगों को भी चोटें आई हैं।

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तनाव को देखते हुए प्रशासन ने क‌र्फ्यू लगाने के बाद स्थिति से निपटने के लिए सेना को तैनात कर दिया। इससे पहले आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई। भीड़ ने सुरक्षाकर्मियों पर पत्थर बरसाए। पहले पुलिस ने आंसू गैस के गोले बरसाए और हवाई फायरिंग की। इलाके में तनाव, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है।

दरअसल, असमिया सिल्क के लिए विख्यात सुआलकुची के नाम पर बाहर से मंगाए सिल्क के कपड़े पर सुआलकुची का टैग लगाकर बेचने का विरोध स्थानीय लोग और बुनकर विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने बाहर से मंगाए गए सिल्क के कपड़े को आग के हवाले कर दिया। स्थानीय सिल्क को बचाने के समर्थन में सुआलकुची बंद का आह्वान किया गया था। सुबह से बंद समर्थक सड़कों पर घूम रहे थे। माहौल सामान्य था। इस वित्तीय वर्ष का अंतिम कार्य दिवस होने के कारण भारतीय स्टेट बैंक की स्थानीय शाखा खुली हुई थी। बंद समर्थक वहां पर पहुंच गए और बैंक को बंद करने की मांग करने लगे। वहां पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने भीड़ को समझाने का प्रयास किया, लेकिन कुछ लोग बैंक के अंदर जाने लगे। तब पुलिस ने उन्हें रोक दिया। कुछ देर तक झड़प होती रही। तब भीड़ ने पत्थर चलाना आरंभ कर दिया। पुलिस ने लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। लोग उत्तेजित हो गए और बाहर से लाए गए कपड़ों की दुकानों के शटर तोड़कर आग लगाने लगे। तब सुरक्षाबलों ने हवा में गोलियां चलाई। स्थिति अनियंत्रित होते देख प्रशासन ने अनिश्चितकालीन क‌र्फ्यू की घोषणा कर दी तथा सेना को बुला लिया। अतिरिक्त सुरक्षाबलों के आने के बाद ही स्थिति नियंत्रण में आई। कामरूप जिला उपायुक्त एस के राय ने बताया कि अब हालात नियंत्रण में है और गश्त बढ़ा दी गई है।

इधर, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन [आसू] ने आरोप लगाया कि बाहर से आने वाले सिल्क कपड़े की वजह से स्थानीय सिल्क उद्योग लड़खड़ा रहा है। आसू के सलाहकार डॉ. समुज्जवल भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि सरकार स्थानीय उद्योग के प्रति उदासीन है। इसलिए सुआलकुची जैसी घटना हुई है। आसू ने पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ रविवार को काला दिवस मनाने का एलान किया है।

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