2 साल में पूरी तरह से सक्षम होगी भारतीय सेना, अभी भी दुश्मनों को दे रही मुंहतोड़ जवाब
विभिन्न डील के तहत भारतीय सेना को पूरी तरह मजबूत होने में दो साल और लगेंगे लेकिन इसके बावजूद जवान एलएसी और एलओसी पर दुश्मनों का डटकर मुकाबला कर रहे हैं।
नई दिल्ली (जेएनएन)। 15 लाख मजबूत और सशस्त्र भारतीय सेना के जवानों को पूर्णत: सक्षम होने के लिए करीब 2 साल की अवधि की और जरूरत होगी। पिछले 10 माह के दौरान हुए 23,700 करोड़ रुपये के रक्षा सौदों के तहत यह ताकत अगले दो साल में आएगी।
रूस और इजरायल के साथ जो रक्षा सौदे हुए है, उनमें सेना को रूस और इजरायल की तरफ से साल 2019 की पहली तिमाही में रॉकेट, ऐंटी टैंक गाइडेड मिसाइल और अन्य कई महत्वपूर्ण और उच्च गुणवत्ता वाले हथियार मिलेंगे। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि आर्मी, नेवी और एयरफोर्स प्रभावी तरीके से काम नहीं कर सकती। भारतीय सेना पाकिस्तान के साथ 778 किलोमीटर लंबे लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) और चीन के साथ 4 हजार 57 किलोमीटर लंबे लाइन ऑफ एक्चुअल (एलएसी) पर हर वक्त सतर्कता के साथ तैनात है। सीएजी रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2013 से सेना में हथियारों की गुणवत्ता और उपलब्धता को बढ़ाने के लिए कोई ठोस बदलाव नहीं लाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर सघन टकराव की स्थिति पैदा हो जाए तो भारतीय सेना के पास 10 दिन के लिए भी गोला-बारूद नहीं है।
भारतीय वायुसेना को 2019 से 2022 के बीच फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान मिलेंगे, जिसके लिए गत वर्ष सितंबर में समझौता किया गया था। मार्च-जुलाई 2019 में 22 अपाचे और 15 चिनूक हेलिकॉप्टर अमेरिका से मिलेंगे। इसके लिए 22 हजार करोड़ रुपये का समझौता हुआ है। इसके अलावा 145 एम-777 अल्ट्रा लाइट होवित्जर विमान भी मार्च 2019 से जून 2021 तक भारतीय वायुसेना में शामिल होंगे जो LAC जैसे इलाकों में ऊंचाइयों पर भी आराम से उड़ान भरने में सक्षम हैं। उल्लेखनीय है कि एक ओर जहां सिक्किम सीमा पर चीन की ओर से भारत को युद्ध की चुनौती मिल रही है वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान ने कश्मीर में तबाही मचा रखी है।
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