संसद के अगले सत्र में पेश होगा विमान अपहरण निरोधक विधेयक
विमान अपहर्ताओं को मौत की सजा और सुरक्षा बलों को किसी विमान को मार गिराने का अधिकार देने वाला विधेयक संसद के अगले सत्र में पेश होगा। ऐसा इस लिए कि अपहृत विमान का इस्तेमाल अपहर्ता किसी खास ठिकाने को निशाना बनाने के लिए मिसाइल के रूप में भी कर सकते हैं। नागरिक उड्डयन एवं कानून मंत्री लंबे अरसे से
नई दिल्ली। विमान अपहर्ताओं को मौत की सजा और सुरक्षा बलों को किसी विमान को मार गिराने का अधिकार देने वाला विधेयक संसद के अगले सत्र में पेश होगा। ऐसा इस लिए कि अपहृत विमान का इस्तेमाल अपहर्ता किसी खास ठिकाने को निशाना बनाने के लिए मिसाइल के रूप में भी कर सकते हैं।
नागरिक उड्डयन एवं कानून मंत्री लंबे अरसे से पड़े अपहरण निरोधक (संशोधन) विधेयक पर नए सिरे से विचार कर रहे हैं। नागरिक उड्डयन मंत्री पी अशोक गजपति राजू ने बुधवार को बताया कि 1982 में बने इस कानून को संशोधित कर ताजा अंतरराष्ट्रीय कानूनों एवं प्रस्तावों के अनुकूल बनाना है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 में ही यह विधेयक राज्यसभा में पेश किया गया था लेकिन तब से वैश्विक स्तर पर अपहरण की परिभाषा बदल गई है। इसलिए उन बदलावों के अनुरूप और दुनिया भर में चालू प्रचलन को ध्यान में रखते हुए एक मसौदा तैयार किया गया है और उस पर और काम किया जा रहा है।
राजू ने कहा, 'हम लोग केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष इस नए विधेयक को रखेंगे। एक बाज जब इसे कैबिनेट में स्वीकार कर लिया जाएगा तो पुराना विधेयक वापस लेकर नया विधेयक संसद में पेश करेंगे। अगले सत्र तक हम इस विधेयक को पारित करा लेने की स्थिति में होंगे। कंधार विमान अपहरण कांड के करीब 15 साल बाद सरकार अब ताजा वैश्विक अपहरण निरोधक कानून को शामिल करते हुए संयुक्त राष्ट्र की संस्था की इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन के बीजिंग घोषणापत्र के अनुरूप बनाना है।
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