जम्मू कश्मीर में हिंसा में एक और प्रदर्शनकारी की मौत
पुलिस ने 60 शरारती तत्वों को हिरासत में ले लिया है। पिछले 77 दिनों से जारी हिंसा में मरने वालों की संख्या 87 हो गई है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। दक्षिण से लेकर उत्तरी कश्मीर तक शुक्रवार को आजादी समर्थक रैलियों को नाकाम बनाते समय भड़की हिंसा में बारामुला के नादीहाल में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। इसके बाद जमकर झड़पें हुई। उत्तेजित अलगाववादी समर्थकों पर काबू पाने के लिए सुरक्षाबलों को कई जगह बल प्रयोग करना पड़ा। इसमें आठ सुरक्षाकर्मियों समेत 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। पुलिस ने 60 शरारती तत्वों को हिरासत में ले लिया है। पिछले 77 दिनों से जारी हिंसा में मरने वालों की संख्या 87 हो गई है।
कश्मीर घाटी में अलगाववादियों द्वारा प्रायोजित बंद के चलते पूरी वादी में सामान्य जनजीवन अस्त व्यस्त रहा। कुछ इलाकों में सुबह 11 बजे तक दुकानें खुली हुई थीं। सड़कों पर निजी वाहन थे, लेकिन दोपहर बाद उनकी संख्या नाममात्र रह गई। प्रशासन ने अलगाववादियों की ओर से नमाज ए जुमा के बाद आयोजित प्रदर्शनों व आजादी रैलियों के दौरान हिंसा भड़कने की आशंका के चलते श्रीनगर के डाउन-टाउन, मैसूमा और बटमालू के अलावा कुलगाम, पांपोर और पुलवामा में कफ्र्यू लगाया था, जबकि अन्यत्र सिर्फ निषेधाज्ञा को ही जारी रखा गया। इसके बावजूद आजादी समर्थक रैलियां और हिंसा हुई।
बड़गाम जिले के गुलशनपोरा में चरार-ए-शरीफ मार्च को रोकने पर सुरक्षाबलों को प्रदर्शनकारियों का पथराव सहना पड़ा। स्थिति पर काबू पाने के लिए सुरक्षाबलों ने भी बल प्रयोग किया। बड़गाम में हुई हिंसक झड़पों में चार सुरक्षाकर्मियों समेत 15 लोग घायल हुए। पांपोर में भी प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए सुरक्षाबलों द्वारा किए गए बल प्रयोग में चार लोग घायल हो गए। इधर श्रीनगर के डाउन-टाउन में नौहट्टा व उसके साथ लगे इलाकों के अलावा बरजुल्ला में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुई, जिनमें आठ लोग घायल हो गए।
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