अब पाकिस्तान में सलमान की कहानी लेकर आए बजरंगी भाईजान
पाकिस्तान में करीब 15 वर्षों से फंसी गीता को मातृभूमि तक पहुंचने का रास्ता बनाने वाले 'पाकिस्तानी बजरंगी भाईजान' अब सलमान अहमद की कहानी सामने लेकर आए हैं। 24 वर्ष के सलमान दो दशक से वहां रह रहा है और उसके माता-पिता बेटे को वापस लाने के लिए लंबे समय
नई दिल्ली। पाकिस्तान में करीब 15 वर्षों से फंसी गीता को मातृभूमि तक पहुंचने का रास्ता बनाने वाले 'पाकिस्तानी बजरंगी भाईजान' अब सलमान अहमद की कहानी सामने लेकर आए हैं। 24 वर्ष के सलमान दो दशक से वहां रह रहा है और उसके माता-पिता बेटे को वापस लाने के लिए लंबे समय से जूझ रहे हैं।
गीता के मामले को अंजाम तक पहुंचाने वाले पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता अंसार बर्नी ने शनिवार को कहा, 'भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मेरी विनम्र प्रार्थना है कि वह सलमान अहमद की भी मदद करें। धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। गीता हिंदू है तो उसे मदद मिली और सलमान मुस्लिम है तो उसे नहीं मिली यह नहीं हो।' पर्दे पर 'बजरंगी भाईजान' का किरदार निभाने वाले सलमान खान की भूमिका असल जिंदगी में निभा रहे बर्नी ने ही गीता की भारत वापसी सुनिश्चित की है।
जिस सलमान अहमद का मामला उन्होंने उठाया है उसके पिता भारतीय हैं और मां पाकिस्तानी। 1994 में सलमान जब दो वर्ष का था तब उसके माता-पिता कराची आए थे। वीजा अवधि खत्म होने के बाद जब माता-पिता लौटने वाले थे तब सलमान बीमार हो गया। उसकी मां सलमा विकार को उसे नाना-नानी के पास छोडऩे के अलावा और कोई चारा नहीं था और अपनी ससुराल अलीगढ़ लौट आई। बाद में सास-ससुर के गुजरने और पति विकार अहमद के बुरी तरह से बीमार होने के कारण सलमा बेटे को लाने नैहर न जा सकी।
दो दशकों से पाकिस्तान में रह रहा सलमान अपने देश में माता-पिता के पास लौटना चाहता है। वह पाकिस्तान में न तो काम कर सकता है और न ही गैर कानूनी निवासी के रूप में पकड़े जाने की डर से रह सकता है।
सलमान के माता-पिता भारत में हर दरवाजे पर दस्तक दे चुके हैं। उनकी कोई सुन नहीं रहा है। पाकिस्तानी 'बजरंगी भाईजान' बर्नी को उम्मीद है उनकी सुन ली जाएगी।
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