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रिटायरमेंट के दिन मोदी संग सेल्‍फी से हिट हुए अकबरुद्दीन

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कार्यभार भारतीय विदेश सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और जाने माने लेखक विकास स्वरुप ने शनिवार को संभाल लिया। निवर्तमान प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन शीघ्र ही भारत अफ्रीका शिखर वार्ता के मुख्य समन्वयक की जिम्मेदारी संभालेंगे।

By Sumit KumarEdited By: Published: Sun, 19 Apr 2015 09:12 AM (IST)Updated: Sun, 19 Apr 2015 09:30 AM (IST)
रिटायरमेंट के दिन मोदी संग सेल्‍फी से हिट हुए अकबरुद्दीन

नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कार्यभार भारतीय विदेश सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और जाने माने लेखक विकास स्वरुप ने शनिवार को संभाल लिया। निवर्तमान प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन शीघ्र ही भारत अफ्रीका शिखर वार्ता के मुख्य समन्वयक की जिम्मेदारी संभालेंगे।

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स्वरुप और अकबरुद्दीन दोनों ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल के नौ दिवसीय विदेश दौरे में उनके साथ थे और शनिवार की सुबह पीएम के साथ दिल्ली पहुंचे।

कहा जा रहा है कि अबरुद्दीन ने इस पद को जो ऊंचाई और सम्मान दिलाया है। उसी को ध्यान में रखते हुए मृदु भाषी और अक्षरों के शिल्पी विकास स्वरूप को सामने लाया गया है।

अपने कार्यकाल के आखिरी दिन सैयद अकबरुद्दीन ने अपने ट्वीट में लिखा कि, "काम के अंतिम दिन पर प्रधानमंत्री के साथ एक सेल्फी का अवसर प्राप्त हुआ है। वरिष्ठ अधिकारी और जाने माने लेखक विकास स्वरुप ने सैयद अकबरुद्दीन को हाथ मिलाकर धन्यवाद कहा।

कौन हैं विकास स्वरूप?
विकास स्विरूप भारतीय विदेश सेवा के 1986 बैच के अधिकारी थे। ब्रिटेन, अमरीका और तुर्की में काम कर चुके विकास स्विरूप वर्तमान में दक्षिण अफ्रीका में भारतीय उप उच्चायुक्त हैं।

मूलत: इलाहाबाद के रहने वाले विकास स्वरूप ने 2003 में लंदन में अपनी पोस्टिंग के दौरान अपना उपन्यास 'क्यू एंड ए' लिखा था। उस समय हिंदुस्तान में कौन बनेगा करोड़पति की बेहद चर्चा थी और उन्होंने महज दो महीने के भीतर अपने उपन्यास को पूरा कर लिया। स्वरूप के इस पहले ही उपन्यास 'क्यू एंड ए' का दुनिया की 36 भाषाओं में अनुवाद हुआ।

बीबीसी ने इस पर एक रेडियो ड्रामा भी बनाया था। विकास का दूसरा उपन्यास 'सिक्स सस्पेक्ट्स' पिछले साल प्रकाशित हो चुका है। बीबीसी इस उपन्यारस पर भी फिल्म बना रही है।

फिलहाल वे अपनी तीसरी किताब पर काम कर रहे हैं लेकिन इसकी पृष्ठभूमि में भारत नहीं होगा। मूल रूप से इलाहाबाद के निवासी स्वरूप ने वर्ष 1986 में भारतीय विदेश सेवा में प्रवेश किया था।

अकबरुद्दीन का कार्यकाल रहा शानदार
सैयद अकबरुद्दीन ने अपने पद की गरिमा को संभालकर रखा। उन्होंने बदले व्यवस्था में प्रभावी और जल्द संवाद करने की मिसाल पेश की कर दी। अकबरुद्दीन ने जनता से सीधे संवाद किये। शब्दों के जादूगर कहे जाने वाले अकबरुद्दीन ने असम के तरुण हों या भोपाल के सूर्य कुमार, उन्हें पासपोर्ट में हो रही देरी के विषय में शिकायत की तो उन्हें सीधे उत्तर मिला है और उनका 3 दिनों में काम हुआ।

प्रधानमंत्री जहां भी गए अकबरुद्दीन ने उनसे जुड़ी हर रोचक बात को सार्वजनिक तौर पर डोमेन में लाया है। अकबरुद्दीन ने हर संवाददाता को सोशल मीडिया पर उनके प्रशनों क उत्तर देते थे। जानकारों के अनुसार उनकी समय पूरी तरह से सटीक रहा है।

विगत दिनों यमन में फंसे अपने भारतीय नागरिकों को लाने के लिए चले राहत अभियान के दौरान भी उन्होंने लगातार जनता से बात जारी रखी। हाल ही के 2 दिन पहले टाइम मैगजीन ने जैसे बराक ओबामा का प्रधानमंत्री पर लिखा लेख को प्रकाशित कर दिया । विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अकबरुद्दीन ने ही उसे सबसे पहले ट्वीट किया था।

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