6 घंटे की देरी ने AMU प्रोफेसर की ले ली जान, अब बैठी जांच
लापरवाही के शिकार सिर्फ आम लोग ही नहीं होते हैं। डाक्टरों और एंबुलेंस न पहुंचने की वजह से एएमयू के एक प्रोफेसर की मौत हो गई।
नई दिल्ली(जेएनएन)। एएमयू मे डिपार्टमेंट ऑफ मॉडर्न इंडियन लैग्वेज के चेयरमैन प्रो. डी. मूर्ति की मेडिकल कॉलेज मे सोमवार को हुई मौत पर जांच बैठ गई है। जिंदगी व मौत से जूझ रहे प्रोफेसर को कई घंटे बाद भी एंबुलेस नही मिल पाई थी। एएमयू के प्रवक्ता ने बताया कि पूरे मामले की जांच करायी जा रही है। जो लोग भी प्रोफेसर मूर्ति की मौत के लिए जिम्मेदार होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर असलम का कहना है कि प्रोफेसर मूर्ति की आंत में कैंसर था। सर्जरी करने के बाद उनकी हालत खराब हो गई और उन्हें द्ल्ली के लिए रेफर कर दिया गया। वहीं मूर्ति के दोस्त मस्तान का कहना है कि इलाज में पूरी तरह लापरवाही बरती गई। डाक्टरों और अस्पताल के बीच तालमेल की कमी थी। समय पर एंबुलेंस न मिलने की वजह से प्रोफेसर मूर्ति की जान चली गई।
तमिलनाडु के रहने वाले थे प्रोफेसर मूर्ति
वेल्लोर (तमिलनाडु) जिले के रंगापुरम क्षेत्र के थिरू वीकानगर निवासी प्रो. मूर्ति यहां 28 साल से तमिल के प्रोफेसर थे। एक अप्रैल को विभाग के चेयरमैन बनाए गए। वह कुछ दिन से पेट की परेशानी से जूझ रहे थे। रविवार को उन्होने मेडिकल कॉलेज मे जांच कराई तो आंत मे कैसर मिला, जिसका सर्जरी विभाग के चेयरमैन प्रो. एम. असलम ने रविवार रात ऑपरेशन किया। सोमवार सुबह उनकी सेहत और बिगड़ गई। किडनी ने भी काम करना बंद कर दिया। डॉक्टरो ने उन्हे दिल्ली रेफर करने की सलाह दी। दोपहर दो बजे से रेफर करने की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन एंबुलेस नही मिल पाई। शाम साढ़े छह बजे एंबुलेस की व्यवस्था हो पाई, तक उनकी मौत हो गई।
कुलपति ने ली जानकारी
कुलपति जमीरउद्दीन शाह मंगलवार को जेएन मेडिकल कॉलेज पहुंचे और डॉक्टरो से इलाज से लेकर एंबुलेस भेजने मे हुई देरी पर बात की। कुलपति ने कहा कि ये घटना हैरान करने वाली है कि मरीज केा इलाज की सख्त जरूरत है और हमे एंबुलेस को ही खोजने मे जुटे रहे। जो भी दोषी होगा, कार्रवाई होगी।
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छात्रसंघ नेताओं ने की कुलपति से मुलाकात
छात्रसंघ अध्यक्ष फैजुल हसन, उपाध्यक्ष नदीम अंसारी, उपाध्यक्ष नबील उस्मानी ने दक्षिण भारतीय छात्रो के साथ कुलपति से मुलाकात की। कहा, एंबुलेस बुलाने मे ही घंटो लग गए। मांग की कि इस पर उच्चस्तरीय जांच कमेटी बनाई जाए। कुलपति ने भरोसा दिलाया कि न्याय किया जाएगा।
प्रो. सिरास के बाद दूसरी मौत
चेयरमैन पद पर रहते किसी प्रोफेसर की मौत का दूसरा मामला है। गे-स्कैडल मे फंसे प्रो. सिरास भी इसी विभाग के चेयरमैन थे। इस घटना के बाद इंतजामिया ने उन्हे निलंबित कर दिया था। बाद मे वह दुर्गाबाड़ी स्थित अपने कमरे मे मृत पाए गए। प्रो. सिरास के अपने पत्नी से संबंध विच्छेद चल रहे थे, कुछ ऐसी ही कहानी प्रो. मूर्ति की है। वे भी यहां केला नगर मे अकेले रहते थे। उनका एक बेटा भी है।