रघुवर विरोधी आदिवासी नेताओं को शाह का सख्त संदेश
ब्लाग में शाह ने लिखा है कि जनजाति और दलित समुदाय ने स्वतंत्रता संग्राम में बड़ी भूमिका निभाई है लेकिन इतिहासकारों ने उन्हें वह वह मान्यता नहीं दी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। झारखंड में रघुवर दास सरकार को आदिवासी विरोधी करार देने पर तुले पार्टी नेताओं को खुद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की ओर से सख्त संदेश दे दिया गया है। झारखंड की तीन दिवसीय यात्रा से लौटे शाह ने ब्लाग में शहीद बिरसा मुंडा के गांव में राज्य सरकार की ओर से किए गए काम की प्रशंसा करते हुए कहा - 'शहीदों के दी जाने वाली पुष्पांजलि को कार्याजलि का रूप दे दिया गया है। मैं इसके लिए राज्य सरकार और इसके मुखिया रघुवर दास को बधाई देता हूं।'
शाह का यह ब्लाग यूं तो आदिवासियों के प्रति केंद्र सरकार और भाजपा की सोच को लेकर है लेकिन शुरूआत में ही उन्होंने जिस तरह झारखंड सरकार को सराहा है उसका राजनीतिक संदर्भ भी है। गौरतलब है कि झारखंड में पिछले कुछ महीनों में पार्टी के ही कई नेताओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। यह जताने की कोशिश हो रही थी कि रघुवर सरकार आदिवासियों की विरोधी है। ब्लाग में शाह ने लिखा है कि जनजाति और दलित समुदाय ने स्वतंत्रता संग्राम में बड़ी भूमिका निभाई है लेकिन इतिहासकारों ने उन्हें वह वह मान्यता नहीं दी। शाह ने कहा कि देश के विभिन्न भागों मे लगभग नौ फीसद आदिवासी समुदाय है। लेकिन पिछली सरकारों की उदासीनता के कारण उनका वाछित विकास नहीं हो पाया।
लेकिन पहले जनसंघ और फिर भाजपा की प्राथमिकता में जल जंगल और जमीन का संवर्धन रहा है। यही कारण है कि पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी ने अलग से जनजातीय विकास मंत्रालय का गठन किया था। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने वनबंधु कल्याण योजना शुरू की है जिससे विभिन्न आदिवासी क्षेत्रों में विकास कार्य हो रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि मोदी सरकार ने ही माइन्स एंड मिनरल एक्ट में संशोधन कर एक फंड बनाया है जिससे उन क्षेत्रों में आदिवासियों का कल्याण पर खर्च किया जा सके। उन्होंने कहा कि गुजरात में भी 14 जनजाति बाहुल्य इलाके हैं। प्रदेश के बजट का 14.75 भाग सिर्फ जनजातियों के विकास के लिए समर्पित है। उन्होंने भरोसा जताया कि जिस तरह मोदी सरकार काम कर रही है उससे पूर्वोत्तर के साथ साथ पूरे देश में जनजाति बाहुल्य क्षेत्र का विकास होगा।