सोनिया, राहुल के गढ़ में सेंध लगाने की तैयारी में भाजपा
शनिवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह उज्ज्वला योजना के तहत अमेठी में गरीब परिवारों को गैस चूल्हा उपलब्ध कराएंगे।
नई दिल्ली, (जागरण ब्यूरो)। विपक्षी दलों के ही नहीं बल्कि अपने नेताओं के निशाने पर भी आए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के 'दुर्ग' अमेठी को भाजपा अपने प्रभाव क्षेत्र में लाने मे जुट गई है। शनिवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारों को गैस चूल्हा उपलब्ध कराएंगे। पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने राहुल गांधी को पत्र लिख कर इस समारोह में भाग लेने का आग्रह किया था उन्होंने पहले से किसी कार्यक्रम में शामिल होने की वजह से इसमें हिस्सा लेने से मना कर दिया है।
जबकि सोनिया गांधी के गढ़ रायबरेली में राजीव गांधी पेट्रोलियम संस्थान के विकास व अन्य मुद्दों के जरिए वहां दस्तक दी जाएगी। इस मौके पर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान, शिक्षा मंत्री प्रकाश डावड़ेकर और लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल को चुनौती दे चुकीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी मौजूद होंगी।
सामान्यतया अमेठी और रायबरेली मे भाजपा के पास राहुल और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ बहुत मजबूत दावेदार नहीं हुआ करते थे। लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में में पार्टी ने स्पष्ट कर दिया था कि कांग्रेस मुक्त भारत के नारे में राहुल और सोनिया का क्षेत्र भी शामिल हैं। इन दोनों क्षेत्रों पर कांग्रेस का राज रहा है लेकिन विकास के मामले में क्षेत्र अभी भी पिछड़ा है। ऐसे में भाजपा विकास की रोशनी दिखाकर उनका दिल जीतेगी।
बताते हैं कि शाह और केंद्रीय मंत्री दो सौ परिवारों को गैस चूल्हा वितरित करेंगे। अब तक के रिपोर्ट के अनुसार उज्ज्वला योजना ने महिलाओं के जीवन मे तो परिवर्तन लाया ही है, उनकी राजनीतिक सोच भी बदली है। यहां के सिर्फ 36 फीसद घरों तक ही एलपीजी कनेक्शन पहुंच पाया है। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह औसत 61 फीसद है। उत्तर प्रदेश में 54 फीसद घरों में एलपीजी कनेक्शन है। सूत्रों के मुताबिक राय बरेली में सरकारी तेल कंपनियां काफी तेजी से गैस कनेक्शन दे रही हैं। पिछले कुछ महीनों में 46 हजार नए एलपीजी कनेक्शन दिए गए हैं। इस संसदीय क्षेत्र को राज्य स्तर व राष्ट्रीय स्तर पर लाने के लिए और तेजी से कनेक्शन दिए जाएंगे।
ध्यान रहे कि अमेठी मे हालांकि स्मृति राहुल से हार गई थीं। लेकिन जीत का अंतर पूर्व के मुकाबले काफी घट गया था। लोकसभा तो दूर है लेकिन भाजपा की कोशिश होगी कि आगामी विधानसभा चुनाव में अमेठी और रायबरेली की सभी सीटों पर भाजपा का कब्जा हो।