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नौ घंटे में 5 बैठक, नेताओं को नसीहत कार्यकर्ताओं को जीत का फार्मूला

भाजपा कार्यालय में पहली बैठक में ही शाह ने तल्ख अंदाज में हिदायत दे दी थी कि अंदर की बातें बाहर न जाएं।

By Mohit TanwarEdited By: Published: Sat, 19 Aug 2017 10:44 AM (IST)Updated: Sat, 19 Aug 2017 10:47 AM (IST)
नौ घंटे में 5 बैठक, नेताओं को नसीहत कार्यकर्ताओं को जीत का फार्मूला
नौ घंटे में 5 बैठक, नेताओं को नसीहत कार्यकर्ताओं को जीत का फार्मूला

भोपाल, नईदुनिया प्रतिनिधि। तीन दिन के प्रवास पर भोपाल आए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को पहले दिन प्रदेश के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ नौ घंटे की अलग-अलग पांच बैठकें की। सभी बैठकों में साफ संदेश था कि वे लोकप्रियता का भ्रम न पालें।

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उन्होंने नेताओं का चेताया की वो एडजस्टमेंट की राजनीति न करें वहीं कार्यकर्ताओं को मिशन 2018-19 के लिए जीत का फार्मूला दिया। विधायकों को लक्ष्य दिया कि वे हर बूथ पर 20 नए कार्यकर्ता(सदस्य) बनाएं। मंत्रियों से कहा कि वे हफ्ते में दो दिन कार्यकर्ताओं के साथ बैठें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि वे सरकार को न घेरें।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह दिन भर मैराथन बैठकों में संगठन को मजबूत बनाने की कवायद करते रहे। उनका लहजा समझाइश-नसीहत भरा तो कभी चेतावनीपूर्ण रहा। उन्होंने नेताओं को दो टूक शब्दों में कहा कि लोकप्रिय होने का मुगालता मत पालो। एडजेस्टमेंट की राजनीति नहीं चलेगी, अगले चुनाव में गुना और छिंदवाड़ा सीट भी जीतना है तैयारियों की मॉनिटरिंग मैं खुद करूंगा। सांसद प्रहलाद पटेल के आरोप से बैठक में सन्नाटा छा गया, वह बोले-प्रदेश में दो-तीन लोग ही पार्टी चला रहे हैं।

भाजपा कार्यालय में पहली बैठक में ही शाह ने तल्ख अंदाज में हिदायत दे दी थी कि अंदर की बातें बाहर न जाएं। शाम को उन्होंने शहर के प्रबुद्ध वर्ग के सामने पार्टी एवं सरकार की जमकर ब्रांडिंग की, वहीं रात को मंत्रियों की क्लास भी लगाई। सारा फोकस संगठन की मजबूती पर ही रहा। उन्होंने साफ कर दिया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में किसी भी कीमत पर कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया की लोकसभा सीट भी जीतना है।

अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं

कार्यकर्ताओं ने सरकार को लेकर जब सुझाव दिए तो शाह नाराज हो उठे। उन्होंने कहा कि मैं संगठन की बैठक लेने आया हूं, लेकिन सब बता रहे हैं कि सरकार कैसे चलानी है। यह शर्मनाक है। बीच में बोलने वाले कुछ लोगों को शाह ने डपटते हुए कहा कि मैं ऐसी अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करता।

सत्ता-संगठन की ब्रांडिंग

शाम को प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन में भाजपा अध्यक्ष ने भाजपा के साथ केन्द्र एवं राज्य सरकार की जमकर ब्रांडिंग की। वह बोले कि मोदी सरकार ने जनहित में कई कड़े और बड़े निर्णय लिए। नोटबंदी और जीएसटी जैसे निर्णयों को उल्लेखनीय बताया। कांग्रेस एवं अन्य दलों परिवार एवं व्यक्तिवादी बताते हुए कहा कि आंतरिक लोकतंत्र भाजपा में ही है। श्रीमान बंटाढार के बाद पिछले 13 साल में मप्र ने विकास की बड़ी छलांग लगाई। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दुनिया का नजरिया भारत के प्रति बदला है।

आदिवासी सीटों पर विशेष नजर

भाजपा आने वाले दिनों में आदिवासी सीटों पर विशेष जोर देने वाली है। सूत्रों के मुताबिक शाह ने कहा कि 31 अक्टूबर तक प्रधानमंत्री देश की कुछ चुनिंदा लोकसभा सीटों का दौरा कर रहे हैं। इसमें सभी आदिवासी सीटें कवर होंगी।

लांच करेंगे वन इलेक्शन-वन नेशन कैंपेन

अमित शाह ने आने वाले समय में पार्टी के मुख्य एजेंडे का खुलासा भी बैठक में किया। विधायक सुदर्शन गुप्ता के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि दो महीने बाद भाजपा वन इलेक्शन-वन नेशन कैंपेन शुरू करने वाली है। इस अभियान का मकसद लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव एक साथ करवाने का होगा। गुप्ता ने शाह से सवाल किया था कि क्या लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ नहीं हो सकते?

5-10 साल के लिए नहीं 50 साल के लिए सत्ता में आए हैं

अमित शाह ने आने वाले सालों के लिए पार्टी का रोडमैप भी भाजपा नेताओं के सामने रखा। शाह ने कहा कि भाजपा अब 5-10 सालों के लिए नहीं, बल्कि 50 सालों के लिए सरकार में आई है। उन्होंने कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक हर जगह भाजपा का झंडा फहराना है।

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