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अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर देश को तबाह नहीं होने देंगे: भाजपा

नई दिल्ली। नई दिल्ली में भाजपा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राष्ट्रवाद का मुद्दा सबसे ऊपर रहा। इस मौके पर भाजपा की तरफ से कहा गया कि अभव्यक्ति की स्वतंत्रता किसी को देश बर्बाद करने का अधिकार नहीं देता है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 20 Mar 2016 05:26 AM (IST)Updated: Sun, 20 Mar 2016 07:26 PM (IST)
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर देश को तबाह नहीं होने देंगे: भाजपा

नई दिल्ली। नई दिल्ली में भाजपा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राष्ट्रवाद का मुद्दा सबसे ऊपर रहा। इस मौके पर भाजपा की तरफ से कहा गया कि अभव्यक्ति की स्वतंत्रता किसी को देश बर्बाद करने का अधिकार नहीं देता है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस मुद्दे पर राजनीतिक संकल्प पारित किया गया।

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उद्घाटन भाषण में शनिवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि पार्टी किसी भी कीमत पर राष्ट्र पर हमले को बर्दाश्त नहीं करेगी। उसके बाद दोनों दिन लगातार राष्ट्रवाद का मुद्दा छाया रहा।

भाजपा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का आज दूसरा और अंतिम दिन था। इस बैठक में पीएम मोदी समेत भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और भाजपा के वरिष्ठ नेता शामिल हुए। बैठक खत्म होने के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पीएम मोदी ने भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को सख्त हिदायत दी है कि वो किसी भी तरह के विवाद से बचें और जनता तक सरकार के कामों को पहुंचाएं।

इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अभी तक के कार्यकाल में एनडीए सरकार पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा है और सरकार का सिर्फ विकास के कामों पर ही फोकस है। राजनाथ सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सरकार के खिलाफ बोलने वालों का हम स्वागत करते हैं लेकिन देश के खिलाफ बोलने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

उत्तराखंड में चल रहे घमासान के बारे में बात करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा तोड़फोड़ की राजनीति पर विश्वास नहीं करती है और कांग्रेस अपनी कमजोरी भाजपा के ऊपर थोपने की कोशिश ना करे।

गौरतलब है कि कल कार्यकारिणी का उद्घाटन करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने स्पष्ट किया था कि पांच रायों के चुनाव में भी भाजपा केंद्रीय भूमिका में आने के ध्येय से मैदान में उतरेगी। इसका मंत्र राष्ट्रवाद और सुशासन होगा। शाह के भाषण में जेएनयू प्रकरण प्रमुख था। उन्होंने कहा-भाजपा देश की आलोचना नहीं सहेगी। आपातकाल लगाने वाली कांग्रेस और माओवाद व स्टालिन के समर्थक देशद्रोह को अभिव्यक्ति की आजादी से जोड़कर बचाने की कोशिश करेंगे तो भाजपा बर्दाश्त नहीं करेगी।’ इसी क्रम में उन्होंने ‘भारत माता की जय’ के नारे को लेकर उठे विवाद को भी जोड़ दिया।

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गौरतलब है कि असदुद्दीन ओवैसी ने हाल में कहा था कि वह भारत माता की जय नहीं बोलेंगे। जेएनयू में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, माकपा नेता सीताराम येचुरी समेत कई नेता कन्हैया कुमार के समर्थन में जुटे थे। नेताओं व कार्यकर्ताओं को शाह का साफ संकेत था कि वह जमीन तक इन मुद्दों को पहुंचाएं।

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