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अमेठी राजघराना विवाद: डॉ. संजय सिंह ने तोड़ी चुप्पी

अमेठी राज परिवार में विरासत की जंग को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा राज्यसभा सदस्य डॉ. संजय सिंह ने चौथे दिन चुप्पी तोड़ी। उन्होंने अपनी पहली पत्नी गरिमा सिंह को लालची बताया। संजय का आरोप है कि गरिमा सिंह ने उनसे 20 करोड़ रुपये की मांग की है। संजय ने विज्ञप्ति जारी कर घटना को घृणित और उपहास पूर्ण बताया। उन्होंने अपने पुत्र अनंत विक्रम सिंह को भी नहीं छोड़ा और कहा कि अनंत पूर्वजों का उपहास उड़ा रहे हैं।

By Edited By: Published: Tue, 29 Jul 2014 12:46 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jul 2014 01:43 PM (IST)
अमेठी राजघराना विवाद: डॉ. संजय सिंह ने तोड़ी चुप्पी

लखनऊ। अमेठी राज परिवार में विरासत की जंग को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा राज्यसभा सदस्य डॉ. संजय सिंह ने चौथे दिन चुप्पी तोड़ी। उन्होंने अपनी पहली पत्नी गरिमा सिंह को लालची बताया। संजय का आरोप है कि गरिमा सिंह ने उनसे 20 करोड़ रुपये की मांग की है। संजय ने विज्ञप्ति जारी कर घटना को घृणित और उपहास पूर्ण बताया। उन्होंने अपने पुत्र अनंत विक्रम सिंह को भी नहीं छोड़ा और कहा कि अनंत पूर्वजों का उपहास उड़ा रहे हैं।

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संजय सिंह ने कहा कि गरिमा सिंह से कभी भी उनके रिश्ते अच्छे नहीं रहे। गरिमा कभी महारानी नहीं बन पाई। आरोप लगाया कि उनकी नजर हमेशा से राज परिवार की संपत्ति पर थी। इसी से व्यथित होकर उन्हें दूसरा विवाह करना पड़ा। जिसे उनके पुत्र तथा पुत्रियों ने भी स्वीकार किया। संजय सिंह का दावा है कि अनंत ने खुद दस वर्ष तक गरिमा से बातचीत नहीं की। अनंत आज उपेक्षा का आरोप लगाते हैं जबकि उनका, उनके परिवार का और गरिमा का खर्च मैं स्वयं उठा रहा हूं।

संजय ने कहा कि अमीता के समय में अमेठी ने स्वर्णिम समय देखा है। शिक्षण संस्थानों से लेकर सामूहिक विवाह तक अमीता सिंह के समय में ही प्रगति पर रहे। अब जो कुछ भी हो रहा है वह गलत है। मैंने अनंत के सामने कोई शर्त नहीं रखी बल्कि गरिमा ने खुद बीस करोड़ रुपये की मांग की है। उन्होंने जनता से गुमराह न होने की अपील की है।

खदेड़ेंगे तो भी नहीं जाऊंगी बाहर: गरिमा

जीवन के कठिन दौर से गुजर रहीं संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह ने कहा कि बच्चों के भविष्य और राजघराने की प्रतिष्ठा के लिए जरूरत पड़ी तो वे संजय सिंह से माफी भी मांगेंगी, लेकिन राजघराने में अमीता व उनकी बेटी की दखल बर्दाश्त नहीं करेंगी। अब चाहे जो हो जाए ससुराल की चौखट नहीं छोड़ेंगे।

उन्होंने राजनीति में आने से इन्कार किया, लेकिन कहा कि बेटा राजनीति करेगा, मैं नहीं। बेटा किस दल में जायेगा पूछने पर उन्होंने कहा कि इसका निर्णय वह स्वयं करेगा। पुरखों के सम्मान के लिए आई हूं। महाराज के बेटे व पौत्र हैं तो यहां दूसरा कोई क्यों आये। अब मैं यहां से जाने वाली नहीं हूं।

जनता दे रही पहरा

भूपति भवन की सुरक्षा को लेकर प्रशासन के साथ ही आम जनमानस भी सतर्क है। इसके लिए महिलाओं ने पाली बांध ली है। महिलाएं दो पाली में गरिमा सिंह और परिवार की सुरक्षा में मुस्तैद हैं। अनंत विक्रम सिंह के हमले की आशंका जताने के बाद सैकड़ों लोग राजमहल के परिसर में पहरा दे रहे हैं। पुरुष लाठी डंडों से लैस हैं, वहीं महिलाएं भी हंसिया और आरी लेकर आ रही हैं। राजकुमार व उनके परिवार के लिए भी गांव से ही भोजन आता है। सभी सामान रस्सी के सहारे राजभवन के अंदर भेजा जा रहा है।

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