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अमेठी की कलह: विरासत की जंग और तल्ख

भूपति भवन में राज परिवार का घमासान चरम पर पहुंच गया है। सोमवार को पहली पत्‍‌नी गरिमा सिंह, बेटे अनंत विक्रम व दोनों बेटियों पर सांसद डॉ. संजय सिंह के आरोपों के बाद विरासत की जंग और तल्ख हो गई। मंगलवार को बेटे अनंत ने बहनों के साथ पिता के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने परिवार की उपेक्षा की है। --अमेठी की कलह-- -------------- - संजय सिंह के आरोपों का अनंत ने किया खंडन - कहा, मां ने पूरा साथ दिया पर पिता ने की उपेक्षा ----------

By Edited By: Published: Wed, 30 Jul 2014 03:24 AM (IST)Updated: Wed, 30 Jul 2014 03:33 AM (IST)
अमेठी की कलह: विरासत की जंग और तल्ख

अमेठी। भूपति भवन में राज परिवार का घमासान चरम पर पहुंच गया है। सोमवार को पहली पत्नी गरिमा सिंह, बेटे अनंत विक्रम व दोनों बेटियों पर सांसद डॉ. संजय सिंह के आरोपों के बाद विरासत की जंग और तल्ख हो गई। मंगलवार को बेटे अनंत ने बहनों के साथ पिता के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने परिवार की उपेक्षा की है।

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अनंत ने पिता के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि महाराज ने न तो उनके लिए गाड़ी-बंगला खरीदा, न ही मां के लिए। रही बात मां पर साथ नहीं देने के आरोप की तो महाराज के गोली लगने पर मां ही दोनों बहनों को लेकर लखनऊ पहुंची थीं। वहां से महाराज को इलाज के लिए मां और नाना ही मुंबई ले गए थे। उसके बाद इलाज के लिए मां साथ में लंदन भी गई थीं और नब्बे दिन वहां रही थीं।

अनंत ने कहा कि उनको गुडगांव में एक फ्लैट इस शर्त पर दिया गया था कि वहां गरिमा सिंह और कोई रिश्तेदार नहीं आएंगे। मां के बीस करोड़ रुपये मांगने के जवाब में कहा कि वह चाहतीं तो तलाक लेकर आधी संपत्ति ले लेतीं।

पिता ने कन्यादान तक नहीं किया : शैब्या ने कहा कि महाराज उनकी शादी में थे लेकिन उन्होंने कन्यादान तक नहीं किया। उन्होंने शर्त रखी थी कि कन्यादान करेंगे तो अमिता के साथ, जिसके लिए वह तैयार नहीं थीं।

अमीता ने हड़पी संपत्ति : अनंत के मुताबिक अमिता सिंह ने रियासत की संपत्ति को हड़प कर अपने ट्रस्ट में शामिल कर लिया है। जमीनों को दान दिखा ट्रस्ट के लिए हड़पा गया है। सभी की पड़ताल की जा रही है। इस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

क्षेत्र में आने को लेकर बढ़ी दूरी : अनंत के मुताबिक नौकरी पूरी होने के बाद वह अपने लोगों के बीच आने के लिए कह रहे थे पर पिता ने मना कर दिया। 2009 तक सब कुछ ठीक- ठाक चल रहा था। उनको क्षेत्र से दूर रहने की सलाह दी जाती रही। एक दो शादी में आया और एक विद्यालय के कार्यक्रम में। बस इसी से दूरी बढ़ने लगी। अमिता के कहने पर महाराज उनसे नाराज रहने लगे। अमिता को अपनी जमीन खिसकती दिखी इसलिए वह परेशान हो रही थीं। अब वह अमेठी की नुमाइंदगी नहीं कर पाएंगी, जनता उनका खेल जान चुकी है।

टूट गई दशकों पुरानी परंपरा: विरासत की जंग के साथ ही भूपति भवन की दशकों पुरानी परंपरा टूट गई। ईद पर नमाजियों के बीच संजय सिंह नहीं दिखे। राजमहल की इफ्तार पार्टी की परंपरा पर भी विराम लग गया। हर वर्ष संजय सिंह ईद पर अमेठी की अवाम के बीच ही रहते थे। एक दशक से आरआरपीजी कॉलेज में इफ्तार पार्टी होती थी। इस सोमवार को प्रस्तावित इफ्तार पार्टी के रद हो गई।

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