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आतंक के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका बनेगा भारत का साझीदार

अमेरिकी रक्षा मंत्री से अजीत डोभाल की मुलाकात के बाद पेंटागन के प्रवक्ता ने दक्षिण एशिया में शांति के लिए भारत की भूमिका को अहम बताया।

By Manish NegiEdited By: Published: Sat, 25 Mar 2017 07:49 PM (IST)Updated: Sat, 25 Mar 2017 07:59 PM (IST)
आतंक के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका बनेगा भारत का साझीदार
आतंक के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका बनेगा भारत का साझीदार

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका भारत का सबसे मजबूत साझीदार बनेगा। ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की बातचीत में आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई के खाका पर विस्तार से चर्चा हुई।

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माना जा रहा है कि जून-जुलाई में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात में इस समझौते पर मुहर भी लग जाएगी। अमेरिकी रक्षा मंत्री से अजीत डोभाल की मुलाकात के बाद पेंटागन के प्रवक्ता ने दक्षिण एशिया में शांति के लिए भारत की भूमिका को अहम बताया।

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अजीत डोभाल के पहले अमेरिकी दौरे से ही साफ हो गया है कि ट्रंप प्रशासन भारत के साथ सुरक्षा संबंधों को पहले से भी ज्यादा मजबूत बनाना चाहता है। अजीत डोभाल ने अमेरिकी रक्षामंत्री जेम्स मेटिस, होमलैंड सिक्यूरिटी मंत्री जॉन केली और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल एमएच मैकमास्टर से मुलाकात की। सभी मुलाकात में केंद्रीय मुद्दा भारत और अमेरिका के साथ रिश्ते को और मजबूत बनाने और दक्षिण एशिया में आतंकवाद से निपटने का रहा।

दक्षिणी चीन सागर और हिंद महासागर में बढ़ते चीन दबदबे को देखते हुए अमेरिका ने माना समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने में भारत अहम भूमिका निभा सकता है। साथ ही दक्षिण एशिया में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई भारत के सहयोग के बिना नहीं जीती जा सकती है। खास बात यह है कि बातचीत में पाकिस्तान का बिल्कुल नहीं उठा। पाकिस्तान का जिक्र केवल वहीं आया जहां आतंकवाद पर बातचीत हो रही थी।

मुलाकात के दौरान जेम्स मेटिस ने दक्षिण एशिया में शांति और स्थायित्व के लिए भारत के प्रयासों की सराहना की। दोनों नेताओं ने माना कि भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों को और मजबूत बनाने की जरूरत है। पेंटागन के प्रवक्ता कैप्टन जेफ डेविस ने कहा कि आतंकवाद और दक्षिण एशिया के अलावा दोनों के बीच अन्य वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हुई। इसके पहले डोभाल दिसंबर में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद अमेरिका गए थे। उस समय उन्होंने एनएसए नियुक्त किये गए माइकल फ्लिन से मुलाकात की थी। लेकिन बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया।

डोभाल ने ताकतवर रिपब्लिकन सीनेटर और आर्म्ड सर्विसेज कमेटी के चेयरमैन जॉन मैककेन और सीनेट सिलेक्ट कमेटी आन इंटेलीजेंस के चेयरमैन रिचर्ड बर से भी मुलाकात की है। बताया जाता है कि इन दोनों नेताओं से भी उन्होंने आतंकवाद और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा की।

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