जयाप्रदा की गाड़ी से लाल बत्ती हटाने पर अमर सिंह बरसे
रामपुर की सांसद जया प्रदा की गाड़ी से लाल बत्ती हटाने के मुद्दा रविवार को खासा सरगर्म रहा। इसके विरोध में लखनऊ में राज्यसभा सदस्य अमर सिंह ने मोर्चा खोला। उन्होंने प्रदेश के मुख्य सचिव को अल्टीमेटम दिया कि तीन दिन में इस मामले में नगर विकास मंत्री मो. आजम खा और एआरटीओ कौशलेंद्र यादव के खिलाफ दुष्कर्म रोध
जागरण ब्यूरो, लखनऊ। रामपुर की सांसद जया प्रदा की गाड़ी से लाल बत्ती हटाने का मुद्दा रविवार को खासा सरगर्म रहा। इसके विरोध में लखनऊ में राज्यसभा सदस्य अमर सिंह ने मोर्चा खोला। उन्होंने प्रदेश के मुख्य सचिव को अल्टीमेटम दिया कि तीन दिन में इस मामले में नगर विकास मंत्री मो. आजम खां और एआरटीओ कौशलेंद्र यादव के खिलाफ दुष्कर्म रोधी कानून के तहत मुकदमा दर्ज करें।
ऐसा न होने पर जयाप्रदा हाईकोर्ट में दस्तक देंगी। वहीं जयाप्रदा ने रामपुर में पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार से भेंट कर आजम और आरटीओ के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने लालबत्ती उतारने की घटना को साजिश बताया।
अमर सिंह रविवार को लखनऊ पहुंचे। प्रेस कांफ्रेंस में खूब सपा सरकार पर खूब बरसे। कहा कि दिल्ली में चलती बस में एक लड़की के साथ रेप के बाद महिला की सुरक्षा को लेकर जो दुष्कर्म रोधी कानून बना है, उसकी परीक्षा की घड़ी आ गई है। उसमें किसी महिला को घूरना, पीछा करना और बदसलूकी को भी अपराध माना गया है। जया प्रदा की गाड़ी से लाल बत्ती उतारने के नाम पर आजम खां की शह पर वहां के एआरटीओ ने यह सारे कृत्य किए हैं। बोले, उन्होंने जया प्रदा को मायावती से मिलने की सलाह दी है। वही जया प्रदा का साथ देंगी। वह जानते हैं कि उप्र सरकार के खिलाफ जया प्रदा अकेली लड़ाई नहीं लड़ सकतीं, इसलिए उन्होंने उन्हें किसी भी दल में शामिल होने के लिए आजाद कर दिया है, अब फैसला जया प्रदा को करना है।
अमर सिंह ने कहा कि सपा के लोग अपने खिलाफ कुछ भी सुनना पसंद नहीं करते और इसके विरोध में कुछ भी कर सकते हैं। स्टेट गेस्ट हाऊस कांड उसी की मिसाल है जब मायावती को खत्म करने के इरादे से सपा के गुंडों ने वहां हमला बोला था। बोले, उस वक्त वह कांग्रेस में थे और उन्होंने इसकी निंदा की थी। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता सुषमा स्वराज को जया प्रदा की मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सपा सरकार में यादव होने का मतलब कुछ भी करने की छूट होना है। कुंडा में डिप्टी एसपी जियाउल हक का कत्ल यादव लोग करते हैं, लेकिन मंत्री पद से ठाकुर रघुराज प्रताप सिंह को हटा दिया जाता है। राजाराम पांडेय सिर्फ माधुरी दीक्षित और हेमा मालिनी के गाल की तुलना कर देते हैं तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाता है, लेकिन एक महिला सांसद से बदसलूकी करने वाले एआरटीओ के खिलाफ कोई कार्रवाई इसलिए नहीं होती है, क्योंकि वह भी यादव है।
अमर सिंह ने कहा कि जया प्रदा की गाड़ी से लाल बत्ती हटाने की कार्रवाई आजम खां के कहने पर हुई। उन्होंने कहा जया प्रदा लाल बत्ती लगी गाड़ी से अगर चल रहीं होतीं तो उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाती, लेकिन घर में घुसकर महिला सांसद के साथ जिस तरह का बर्ताव हुआ, वह अपराध की श्रेणी में आता है। आजम जया प्रदा से इसलिए चिढ़ते हैं कि वह जया बच्चन नहीं है। जया बच्चन की तरह जया प्रदा आजम खां के साथ खड़ी नहीं हो सकती।
आजम ने हटवाई लाल बत्ती
एआरटीओ द्वारा कार से लालबत्ती उतारे जाने के अगले दिन सांसद जयाप्रदा ने भले पूरा दिन सामान्य तरीके से गुजारा लेकिन रात को वे एकाएक सूबे के कैबिनेट मंत्री आजम खां के खिलाफ आक्रामक हो गई।
लालबत्ती प्रकरण को लेकर रविवार रात आठ बजे सांसद जयाप्रदा ने पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार से मुलाकात की और इसे अपने खिलाफ साजिश का मामला बताते हुए तत्काल प्रभावी कार्रवाई की मांग की। इस बातचीत में कार से लालबत्ती उतारने वाले एआरटीओ कौशलेंद्र प्रताप यादव उनके निशाने पर रहे लेकिन उन्होंने यूपी के नगर विकास मंत्री आजम खां को भी नहीं बख्शा।
पुलिस कप्तान से मुलाकात बाद बाहर आईं जयाप्रदा मीडिया से मुखातिब हुईं। उन्होंने कहा, आजम खां के इशारे पर पूरी कार्रवाई की गई। आजम खां ने खुद मौके पर मौजूद रहकर ऐसा कराया। एआरटीओ ने जबरन लालबत्ती उतारी और उनका हाथ पकड़कर खींचते हुए जबरन चालान थमा दिया। इस मामले में वह सिविल लाइंस थाने में प्रार्थना पत्र भी दे रही हैं।
आजम हुए खामोश
रामपुर में रहकर भी इस प्रकरण पर आजम खां पूरी तरह खामोश रहे। मीडिया के बार-बार संपर्क की कोशिश पर उनके मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां शानू ने कहा कि गाड़ी से लालबत्ती उतारना प्रशासनिक कार्रवाई है। इससे नगर विकास मंत्री को कोई लेना-देना नहीं है।
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