हर मोबाइल फोन को हफ्ते में एक बार Reboot करना होता है जरूरी, यह है वजह
एंड्रायड और आईफोन हैंडसेट्स हर हफ्ते रीबूट करना क्यों जरुरी है ये हम आपको इस पोस्ट में बताने जा रहे हैं
नई दिल्ली। आप अगर एक लम्बे समय से एक ही स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं तो जरूर उसमें हैंग होने समेत कई समस्याओं से रूबरू हुए होंगे। ऐसे में मोबाइल डिवाइसेज को लम्बे समय के बाद ठीक रखने के लिए कुछ रखरखाव जरुरी होता है। फोन स्मूथली काम करता रहे, इसके लिए जरुरी है की उसे समय-समय पर रीबूट किया जाए। यह एंड्रायड और आईफोन दोनों ही यूजर्स पर मान्य है। एंड्रायड और आईफोन हैंडसेट्स को कम से कम हफ्ते में एक बार रीबूट किया जाना चाहिए और यूजर्स को इसका प्रभाव कुछ ही समय में दिखाई भी देने लगेगा।
इन चार कारणों से वीकली रीबूट आपके स्मार्टफोन के लिए बेहद जरुरी है:
रैम को करें फ्री:
जहां ऑपरेटिंग सिस्टम इसलिए ही होते हैं की बैकग्राउंड में चल रहीं एप्स को किल करें, लेकिन फिर भी ऐसी कई एप्स होती हैं जो बैकग्राउंड में चलती रहती हैं और फोन की मैमोरी को हाईजैक करके बैठ जाती हैं। जब ऐसा होता है तो आपको फोन स्लो हो जाता है, हैंग करने लगता है और आसान टास्क भी पूरा होने में अधिक समय लेते हैं। इसका सबसे बेस्ट उपाय है की आप अपनी डिवाइस रीस्टार्ट करें और रीबूट को फॉलो करें। रीबूट के बाद आपकी डिवाइस ऐसी हो जाएगी जैसा नया फोन।
स्मूथ परफॉर्मेंस:
मोबाइल पर एक साथ कई एप्स इस्तेमाल करने की राय कोई नहीं देगा। अगर कईं सारी एप्स इस्तेमाल करते हुए आपका फोन हैंग होता है और उन सभी एप्स को बंद कर के आप सोचते हैं की इस परेशानी से आपको छुटकारा मिल जाएगा तो ऐसा नहीं है। अधिकतर मामलों में बंद करने के बाद भी एप्स बैकग्राउंड में चलती रहती हैं ताकि जब आप इन्हें दोबारा खोलें तो यह रेडी हो। ऐसे में यह एप्स बंद होने के बाद भी मैमोरी का स्पेस खाली नहीं करती। पर जब यूजर हैंडसेट को रीस्टार्ट करता है तो उन्हें स्मूथ डिवाइस वापस मिलती है, जिसकी परफॉर्मेंस पहले जैसी हो जाती है।
डिवाइस फ्रीज से बचें:
अगर आपके हैंडसेट की रैम खाली नहीं है तो आपका फोन हॉल्ट की स्थिति में आ जाएगा। अगर ओएस इस स्थिति को रिकवर करने में सक्षम नहीं है तो आपका सिस्टम क्रैश हो जाएगा या आपका फोन फ्रीज हो जाएगा। अपने फोन को इस स्थिति में ना आने दें। इससे बचने के लिए रेगुलर रीबूट करते रहें। इससे आपका फोन फ्रेश रहेगा और स्पेस खाली कर के अच्छी परफॉर्मेंस के लिए स्पेस देगा।
बैटरी को बचाएं:
इसमें कोई दो राय नहीं है की किसी भी फोन के महत्वपूर्ण कारकों में से एक बैटरी है। एक्सपर्ट्स के अनुसार- एक स्मार्टफोन तब तक स्मार्ट नहीं है जब तक उसमें पावर सोर्स बिना किसी परेशानी के काम न करता हो। आपको याद हो तो सैमसंग गैलेक्सी नोट 7 सिर्फ और सिर्फ बैटरी के कारण फ्लॉप हो गया। तो यह जरुरी है की आपके फोन की बैटरी हेल्थी मोड में रहे। हफ्ते में एक बार रीबूट करने से डिवाइस की बैटरी लाइफसाईकल में सुधार आता है। हालांकि, यह दूसरी बात है की रीबूट से बैटरी लाइफ सिर्फ एक सीमा तक ठीक रहेगी। रिबूट से जिन चीजों से बैटरी ड्रेन की परेशानी आती है वो सुधर जाएंगी। लेकिन बैटरी लाइफ खाने के कुछ अन्य कारक भी हैं:
वीक सिग्नल:
मोबाइल डिवाइसेज नेटवर्क न मिलने पर automatically कनेक्शन ढूंढ़ने लगती हैं, इससे बैटरी पर प्रेशर पड़ता है। ऐसी जगहों पर जहां नेटवर्क कवरेज ठीक से नहीं आता, वहां फोन को एयरप्लेन मोड पर रखना बेहतर है।
अनावश्यक एक्टिव कनेक्शन और फीचर:
वाई-फाई और ब्लूटूथ कनेक्शन जो ऑन तो होते हैं, पर उसका इस्तेमाल नहीं हो रहा होता, इससे बैटरी वेस्ट होती है। जैसे लाइट का इस्तेमाल न होने पर उन्हें बंद कर दिया जाता है वैसे ही इन कनेक्टिविटी फीचर्स को इस्तेमाल न होने पर बैटरी सेव करने के लिए बंद कर देने चाहिए। यही बात geo location सेवाओं के लिए भी लागू होती है।
नोटिफिकेशन्स:
अलर्टस भी बैटरी को waste करती है। इसे भी कम या बंद किया जा सकता है।
टेम्प्रेचर का रखें ध्यान:
बुहत ज्यादा गर्म या बहुत ज्यादा ठंडा वातारवरण भी बैटरी को नुकसान पहुंचाता है। तो किसी भी तरह का अत्याधिक तापमान मोबाइल के लिए ठीक नहीं है।
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