IBIS होटल में किया गया, ऑल-इंडिया डेटॉल बनेगा स्वच्छ इंडिया फेस 2 ट्रेनिंग का आयोजन
आरबीएस डेटॉल बनेगा स्वच्छ इंडिया कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन के पूरक हैं।
नई दिल्ली,जेएनएन। डेटॉल बनेगा स्वच्छ इंडिया फेस-2 के प्रशिक्षण का आयोजन 27-28 जून को गुड़गांव के आईबीआईएस होटल में किया गया। इस वर्कशाप में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र से डीबीएसआई टीमों ने भाग लिया। ‘डेटॉल बनेगा स्वच्छ इंडिया’ के “चेंजिंग बिहेवियर: क्रिएटिंग सैनिटेशन चेंज लीडर्स” कार्यक्रम की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी जमकर प्रशंसा की।
प्रशिक्षण सत्रों में प्रख्यात नेतृत्व से जागरण पहल के चेयरमैन श्री एस.एम. शर्मा, जागरण सॉल्यूशंस के राष्ट्रीय प्रमुख श्री गोविंद पांडे, आरबी में विदेश-संबंध और साझेदारी के प्रमुख रवि भटनागर, जागरण पहल के प्रोजेक्ट मैनेजर श्री साहिल तलवार, Water.org के कार्यकारी निदेशक श्री मनोज गुलाटी, आगा खान फाउंडेशन में सीनियर प्रोग्राम प्रमुख श्री असद उमर शामिल हुए।
राष्ट्रीय प्राथमिकता पर प्रकाश डालते हुए शर्मा ने कहा, "आज से तीन-साल पहले, जब कोई शौचालय, स्वच्छता की बात करता था तो लगता था कि कैसी गंदी सी बात कर रहा है लेकिन आज कल इस विषय पर बड़े-बड़े स्टार फिल्में बना रहे हैं।"
आरबीएस डेटॉल बनेगा स्वच्छ इंडिया कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन के पूरक हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने, 2 अक्तूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी। इस मिशन का लक्ष्य 2019 तक सार्वभौमिक स्वच्छता प्राप्त करना और खुले में शौच को समाप्त करना है। इस दो दिवसीय प्रशिक्षण में दूसरे चरण के कार्यक्रम के लिए टीम निर्माण, योजना और रणनीतियों पर खाका तैयार किया गया।
यह कार्यक्रम सात राज्यों में चालू है, जिसमें महाराष्ट्र सरकार ने तत्काल मदद पर समर्थन करते हुए साल 2017 के अंत तक राज्य को खुले में शौच से मुक्ति की घोषणा की है।
पहले चरण में उत्तर प्रदेश और बिहार में 85,000 से अधिक घरों में स्वास्थ्य और स्वच्छता के स्तर में सुधार हुआ है। इस स्वच्छता अभियान के चलते 75 गांवों को खुले में शौच से मुक्ति का दर्जा मिला।
यह प्रशिक्षण सत्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के ऊपर भौगोलिक रूप से करीब 1.47 करोड़ से ज्यादा लोगों को अगले चरण में लेकर आगे जाने के मकसद से पूरी चर्चा केन्द्रित रही।
भटनागर के मुताबिक शौचालय नाम का नहीं काम का होना चाहिए। चरण 2 में मुख्य रूप से शौचालय को स्वच्छ बनाए रखने और व्यवहार परिवर्तन को देखा जाएगा।
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