रैगिंग से निपटने के लिए छात्रावासों में लगेंगे अलार्म बेल
यूजीसी ने इसके अलावा कैंटीन और टायलेट आदि का औचक निरीक्षण करने के लिए भी कहा है। रैगिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट के भी कड़े दिशा-निर्देश है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कालेजों और देशभर के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत के साथ ही रैगिंग को लेकर सर्तकता बढ़ा दी गई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इसे लेकर कुछ नए दिशा-निर्देश भी जारी किए है, जिसके तहत सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों से अपने छात्रावासों में अलार्म बेल लगाने के लिए कहा है, ताकि छात्र किसी भी मुश्किल के दौरान इसे बजाकर मदद मांग सके।
रैगिंग रोकने को लेकर जारी निर्देश में यूजीसी ने कहा है कि छात्रावासों में अलार्म बेल लग जाने से रैगिंग करने वाले शरारती तत्वों की पहचान आसान होगी, साथ ही उन्हें पकड़ने में मदद मिलेगी। इसके तहत अलार्म बेल छात्रावास के प्रत्येक कमरे में लगाई जाएगी, साथ ही इस पर नजर रखने के लिए एक कंट्रोल रुम भी स्थापित किया जाएगा, जो 24 घंटे काम करेगा। यूजीसी ने इसके अलावा कैंटीन और टायलेट आदि का औचक निरीक्षण करने के लिए भी कहा है। रैगिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट के भी कड़े दिशा-निर्देश है।
यूजीसी ने यह सारे कदम उस समय उठाए है, जब नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत के साथ ही रैगिंग से जुड़ी शिकायतें तेजी से सामने आ रही थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक नए शैक्षणिक सत्र में अब तक करीब 288 शिकायतें आ चुकी है, जबकि पिछले वर्ष यानी 2016 में 515 शिकायतें मिली थी।
टोल फ्री नंबर किया जारी
यूजीसी ने इस दौरान रैगिंग को रोकने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया है। जिसका नंबर-1800-180-5522 है, जो 24 घंटे चालू रहेगा। यूजीसी सचिव प्रो जेएस संधू ने विवि को दिए निर्देश में कहा है कि जो भी विवि इसमें लापरवाही बरतेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।