रोहिंग्या मुस्लिमों को आतंकी बनाने के लक्ष्य से आया समी, जानिए अल कायदा की योजना
भारत की तबाही के लिए आतंकी संगठन अल कायदा एक बड़ी साजिश की व्यूह रचना तैयार कर रहा था, जिसे जानकार आप भी दंग रह जाएंगे।
नई दिल्ली [जेएनएन]। स्पेशल सेल की टीम ने जिस आतंकवादी को गिरफ्तार किया है, उसे अल कायदा ने एक बड़ी जिम्मेदारी के साथ भारत भेजा था। भारत की तबाही के लिए आतंकी संगठन अल कायदा एक बड़ी साजिश की व्यूह रचना तैयार कर रहा था, जिसे जानकार आप भी दंग रह जाएंगे। आखिर क्या थी अल कायदा की योजना, कैसे करता वह भारत काे तबाह। जानिए उसकी पूरी योजना का सच।
रोहिंग्या मुस्लिमों को आतंकी बनाने का ठेका
भारत में एक बड़ी समस्या बने रोहिंग्या मुस्लिमों को आतंकी बनाने का जिम्मा आतंकी समी हक पर था। हक पिछले चार साल से अलकायदा के लिए काम कर रहा था। अवैध रूप से भारत में निवास कर रहे रोहिंग्या मुस्लिमों पर अल कायदा की पैनी नजर है। अपनी इसी योजना को साकार करने के लिए उसने हक का चयन किया। उसे बाकयादा अल कायदा संगठन में शामिल किया गया। संगठन में शामिल होने के बाद समी को सीरिया के आतंकी कैंप में हथियारों का प्रशिक्षण के लिए भेजा गया। साथ ही सीरिया सेना के साथ ल़़डाई भी ल़़डी।
इसके बाद अलकायदा ने उसे भारत में भेजा था। यहां समी पर रोहिंग्या मुस्लिमों को आतंकी बनाने व सेना से ल़़डने के लिए म्यांमार भेजने की जिम्मेदारी दी गई। अल कायदा की दूसरी योजना उसे म्यांमार भेजकर रोहिंग्या मुस्लिमों को भारत में भेजने की थी।
वह भातर में आतंकी नेटवर्ट तैयार करने के मकसद से आया था। उसका मकसद भारत के पूर्वोत्तर राज्यों मिजोरम व मणिपुर में बेस स्थापित करने का था और फिर वहां से आतंकियों को म्यांमार भेजने की तैयारी थी।
नाम बदलकर पुलिस की आंखों में झोंकता था धूल
शातिर समी पुलिस के हत्थे न चढ़े इसके लिए अपने कई नाम रखे थे। समी हम्दान उर्फ शुमोन हक उर्फ राजू भाई के नाम से भी जाना जाता है। आतंकी समी मूलत: बांग्लादेशी है। बहुत चालाकी से समी उन रहमान के नाम से ब्रिटिश नागरिकता हासिल कर रखी थी। ब्रिटिश नागरिकता लेने के पीछे उसकी यह मंशा थी कि किसी भी सरकार को उस पर संदेह नहीं हो।
उसके पास से बरामद अहम दस्तावेज से खुला राज
दिल्ली पुलिस ने जब उसकी तलाशी ली तो उसके पास से अहम दस्तावेज और हथियार मिले। उसे पास से नाइन एमएम की पिस्टल, 4 कारतूस, लैपटॉप व मोबाइल फोन मिले। फोन में बांग्लादेशी सिमकार्ड था। इसके अलावा उसके पास से 2000 डॉलर विदेशी मुद्रा व 13000 भारतीय व बांग्लादेशी करेंसी भी मिली। पूछताछ में उसने अपना नाम शुमोन हक, निवासी किशनगंज (बिहार) बताया। इस नाम व पते का उसके पास से वोटर कार्ड भी मिला।
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