मुख्यमंत्री अखिलेश के जन्मदिन पर 101 बंदी जेल से रिहा
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के 43वां जन्म दिन है। इस मौके पर प्रदेश भर के 101बंदियों की रिहाई की गई है। इसमें कई ऐसे बंदी हैं जिनकी समय पूर्व रिहाई के लिए लाइसेंस जारी किया गया है।
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जन्म दिन पर कारागार महकमे ने 101 बंदियों की रिहाई की। इसमें 42 बंदियों की एक अलग सूची है जिनमें ज्यादातर 70 वर्ष से अधिक के बंदी हैं जबकि बाकी जुर्माना अदा न कर पाने की वजह से जेलों से रिहा न हो पाने वाले बंदी हैं।
शुक्रवार को सपा के प्रदेश मुख्यालय में कारागार मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया ने मुख्यमंत्री को जन्मदिन की बधाई दी और कहा कि अब हर माह कम से कम बीस बंदियों को पैरोल दिए जाएंगे। अभी तक पैरोल की व्यवस्था इतनी खराब रही कि एक बेटी की शादी में उसका पिता नहीं जा सका। मैंने उस बेटी से माफी मांगी और कहा कि अब अगर 15 दिन में डीएम और एसएसपी पैरोल की संस्तुति नहीं दी तो स्वत: संस्तुति मान ली जाएगी। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने जेलों में खाना-पानी का बेहतर बंदोबस्त करने का दावा किया। बुंदेलखंड में सूखे की स्थिति देखते हुए वहां की जेलों में होने वाले कार्यों को स्थानीय लोगों से कराए जाने और दो माह के भीतर 42 जेलों में आरओ प्लांट लगाये जाने का दावा किया। उन्होंने घोषणा की छह जेलों में आठ जुलाई से कैंसर पीडि़तों के लिए मुफ्त कैंप लगेगा। लखनऊ जेल में उन्होंने एक संस्था के जरिए कसरत के लिए मशीने भेजी। रामूवालिया ने कहा कि मुलाकात सलाखों के पीछे से नहीं होगी बल्कि ऐसी जगह होगी जहां मां अपने बेटे को गले लगा सके और बाप अपने बेटे के कंधे पर सिर रखकर रो सके। बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की जेल बदले जाने के सवाल पर रामूवालिया ने कहा कि आज शुभ दिन है और शुभ-शुभ बोलिये।
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अ से अकबर और अ से अखिलेश
रामूवालिया ने मुख्यमंत्री की शान में खूब कसीदे पढ़े। अ से सम्राट अशोक और अकबर से अखिलेश की तुलना करते हुए कहा कि अकबर जब पंजाब में पैदा हुए तो कस्तूरी बांटी गयी और उनकी शोहरत पूरे देश में फैली। अखिलेश के जन्म के समय भले कस्तूरी बांटने का रिवाज नहीं था लेकिन उनकी सुगंध तो और ज्यादा बढ़ी है। इस दौरान भाजपा द्वारा सीएम के बार-बार लंदन जाने पर सवाल उठाए जाने की बात आते ही रामूवालिया ने कहा कि बीजेपी तो ऐसी पार्टी है कि अगर चांद धरती पर उतर आए तो बोलेंगे मोमबत्ती है।
इरफान तो खुद मदारी
रामूवालिया को याद दिलाया गया कि अभिनेता इरफान ने ट्वीट किया है कि नेता मदारी की तरह डुगडुगी बजाता है तो रामूवालिया का कहना है कि वह क्या कहेगा, वह तो खुद मदारी है।
लाइसेंस की नियमावली
यूपी प्रिजनर्स रिलीज आन प्रोबेशन एक्ट, 1938 (सन 1938 का एक्ट-आठ) की धारा-दो के अंतर्गत राज्यपाल बंदी को लाइसेंस के द्वारा मुक्त किये जाने की अनुज्ञा प्रदान करते हैं। नियम के तहत समय पूर्व रिहाई के लिए दिए जाने वाले लाइसेंस में बंदी के अभिभावक नियुक्त किये जाते हैं। खराब आचरण पर यह लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है लेकिन अगर पहले निरस्त नहीं हुआ तो बंदी की मौत तक प्रभावी रहता है। लाइसेंस की अवधि में अभिभावक के अधिकार में बंदी की देखरेख होगी।
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अभिभावक को यह जिम्मेदारी दी जाती है कि वह लाइसेंसी के चाल-चलन की निगरानी करे और अगर वह खराब आचरण करे तो डीएम को इसकी रिपोर्ट करे। बंदी के फरार हो जाने पर निकटतम थाने में रिपोर्ट कर कार्रवाई होगी और लाइसेंस निरस्त करा दिया जाएगा। लाइसेंस निरस्त होने पर दोबारा जेल में निरुद्ध होना पड़ेगा।
जमानत देने पर भी रिहाई के आदेश
विशेष सचिव सत्येन्द्र कुमार ने केंद्रीय कारागार आगरा के सिद्धदोष बंदी सालिग राम की समय पूर्व रिहाई के आदेश भेजे हैं। निर्देश है कि जिला मजिस्ट्रेट, आगरा को दो संतोषजनक जमानतें तथा उतनी ही धनराशि का मुचलका प्रस्तुत करने पर बंदी को रिहा कर दिया जाए। इसी तरह मुरादाबाद के सिद्धदोष बंदी कृपाल सिंह की रिहाई जमानत राशि जमा करने पर किए जाने के निर्देश दिए गये हैं।