अनाथ बच्चों के सपनों को पंख लगा रहे हैं ये शख्स
तीन दर्जन अनाथ बच्चों को ये शख्स अपने निजी विद्यालय के हॉस्टल में रख कर उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देकर उनके सपनों को पंख लगा रहे हैं।
रोहतास (ब्युरो)। बेसहारों का सहारा बनना सबसे बड़ा धर्म है। इस उक्ति को साकार कर रहे हैं बिक्रमगंज के अखिलेश कुमार। जिन बच्चों के सिर से मां-बाप का साया उठ गया है, उनकी पढ़ाई-लिखाई से लेकर रहने और खाने की व्यवस्था कर रहे हैं अखिलेश कुमार। ऐसे तीन दर्जन अनाथ बच्चों को अपने निजी विद्यालय के हॉस्टल में रख कर उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देकर उनके सपनों को पंख लगा रहे हैं।
अनाथों के बन गए अभिभावक
दिनारा प्रखंड के पंजरी गांव के रहने वाले अखिलेश ने हाल ही में चार अनाथ बच्चियों को भी गोद लिया है। क्षेत्र के लोग अखिलेश को अनाथों के नाथ के नाम से पुकारने लगे हैं। अखिलेश कहते हैं कि जब अनाथ बच्चे पिता कह कर पुकारते हैं, तो मुझे आत्मिक खुशी होती है।
2011 में लिया था पहले बच्चे को गोद
नौ अगस्त 2011 में सरांव (नटवार) में नौ कांवरियों की मौत हो गई थी। इसमें बुधन यादव व उनकी पत्नी की मौत से छह वर्षीय अमरदीप अनाथ हो गया था। अखिलेश ने सबसे पहले अमरदीप को ही गोद लिया था। तीन महीने बाद र्डिंलया के अनाथ पंकज को अपनाया। अब इनके पास तीन दर्जन अनाथ बच्चे हैं। 2017 से अनाथ बेटियों को भी गोद लेने का क्रम जुड़ गया। खास बात ये हैं कि अनाथ बच्चों का पता लगाकर खुद अखिलेश उनके दरवाजे जाते हैं और अपने संरक्षण में लेते हैं।
इनके सामाजिक सरोकार भी चर्चा में रहे
नेपाल त्रासदी के समय भिक्षाटन कर मुख्यमंत्री को एक लाख 11 रुपये देने, शराबबंदी से पूर्व शराब के खिलाफ मुहिम चलाने, बहनों के लिए कर्मभाई बनने जैसे उनके कार्य चर्चा में रहे। इनके कार्यों से प्रभावित होकर विश्व की पहली एवरेस्ट फतह करने वाली विकलांग महिला अरुणिमा सिन्हा भी इनसे मिलने आ चुकी हैं।
बचपन में ही पिता का साया उठ गया
बचपन में ही पिता की मौत ने अखिलेश को अनाथ होने के दर्द का एहसास कराया। इसलिए असहायों के लिए
जिंदगी समर्पित करने का संकल्प लिया । दिल्ली में मोटे पैकेज वाली नौकरी छोड़ कर अपनी जमीन पर वापस आया। बिक्रमगंज से अनाथों के जीवन में उजाला लाने की कवायद शुरू की। सांसद सह केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा कहते हैं कि अखिलेश जैसे लोग समाज के लिए मिसाल हैं। अनाथों को गोद ले शिक्षा-दीक्षा की जिम्मेदारी उठा उन्हें बेहतर इंसान बनाना बड़ी बात है।
-अनाथ बच्चों के जीवन में शिक्षा की किरण बिखेर रहे अखिलेश
-खाने-रहने से लेकर शिक्षा तक की उठा रहे जिम्मेदारी
-प्रमोद टैगोर
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