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अखिलेश ने नहीं मानी मेरी सलाहः राम नाईक

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के व्यवहार से बेहद दुखी हैं। उन्हें इस बात से गहरी तकलीफ पहुंची है कि उत्तर प्रदेश दिवस सूबे में भी मनाने की उनकी सलाह को अखिलेश ने कोई तवज्जो नहीं दी। मुंबई में उत्तर प्रदेश दिवस समारोह में

By Sudhir JhaEdited By: Published: Sat, 24 Jan 2015 08:47 PM (IST)Updated: Sat, 24 Jan 2015 09:00 PM (IST)
अखिलेश ने नहीं मानी मेरी सलाहः राम नाईक

मुंबई, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के व्यवहार से बेहद दुखी हैं। उन्हें इस बात से गहरी तकलीफ पहुंची है कि उत्तर प्रदेश दिवस सूबे में भी मनाने की उनकी सलाह को अखिलेश ने कोई तवज्जो नहीं दी। मुंबई में उत्तर प्रदेश दिवस समारोह में राज्यपाल नाईक ने अपनी यह पीड़ा व्यक्त की।

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मुंबई की सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था अभियान द्वारा शुक्रवार को लगातार सत्ताइसवें वर्ष मनाए गए इस समारोह में राम नाईक मुख्य अतिथि थे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को मैंने उप्र दिवस राज्य में भी मनाने की सलाह दी थी। अखिलेश ने इसे मनाने का आश्वासन भी दिया था, लेकिन बाद में इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई।'

नाईक ने उम्मीद जताई कि अगले साल न सिर्फ उप्र , बल्कि जहां-जहां प्रदेश वासी रहते हैं, वहां-वहां भी यह दिवस धूमधाम से मनाया जाना चाहिए।

बता दें कि 24 जनवरी, 1950 को उत्तर प्रदेश की नामकरण की अधिसूचना जारी हुई थी। नाईक के अनुसार उन्होंने अभियान के संयोजक अमरजीत मिश्र द्वारा इस संबंध में दिए गए सारे दस्तावेज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सौंपकर उनसे उत्तर प्रदेश दिवस धूमधाम से मनाने का आग्रह किया था। ताकि देश-विदेश में रह रहे उत्तर प्रदेशवासियों को इस बहाने उनके गृह प्रदेश की ओर आकर्षित किया जा सके। नाईक ने कहा कि उन्होंने जब से उत्तर प्रदेश के राज्यपाल का कार्यभार संभाला है, तब से सिर्फ चार दिन के लिए महाराष्ट्र आ सके हैं एवं इस दौरान वहां किए गए अपने कार्यो का ब्योरा मीडिया को दे दिया हूं।

गौरतलब है कि मुंबई में इस वर्ष मनाए गए उत्तर प्रदेश दिवस समारोह इस मायने में विशेष रहा क्योंकि इसमें एक साथ दो राज्यपाल उपस्थित रहे। गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने तो समारोह को न सिर्फ भोजपुरी में संबोधित किया, बल्कि सैकड़ों साल पहले उत्तरप्रदेश और बिहार से दूसरे देशों में गए गिरमिटिया मजदूरों की व्यथा को भी भोजपुरी गीत के जरिये व्यक्त किया। समारोह में इस वर्ष का डॉ. राममनोहर त्रिपाठी सम्मान भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी को प्रदान किया गया।

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