जानिए, एयर इंडिया ने केबिन क्रू से क्यों कहा अब करो ग्राउंड ड्यूटी
मोटापे की वजह से एयर इंडिया के 57 केबिन क्रू को ग्राउंड ड्यूटी पर लगाया गया है।
नई दिल्ली(जेएनएन)। मोटापा अगर नौकरी पर आफत की तरह टूट पड़े, या मोटापा आपसे आपका मनपसंद काम छिन ले तो दुख होना लाजिमी है। कुछ ऐसा ही हुआ एयर इंडिया के उन 57 केबिन क्रू के साथ जो मोटापे का सामना कर रहे थे। एयर इंडिया ने प्रबंधन ने उन केबिन क्रू को मोटापा घटाने की सलाह और फरमान दोनों जारी की थी। लेकिन वे कर्मचारी जब अपने मोटापे को कम करने में नाकाम रहे तो उनसे कहा कि अब आप केबिन क्रू का काम छोड़कर ग्राउंड ड्यूटी की जिम्मेदारी संभालो।
मोटापे की जब पड़ी मार
केबिन क्रू से हटाए गए कर्मचारियों में एयरहोस्टेस शामिल हैं। उनसे कहा गया है कि या तो अपने मोटापे पर काबू पाएं या स्थायी तौर पर ग्राउंड ड्यूटी के लिए तैयार रहें। इन एयरहोस्टेस का बॉडी मॉस इंडेक्स(BMI) तय सीमा से ज्यादा है। एयर इंडिया के एक अधिकारी का कहना है कि मोटापा कम करने के लिए एक महीने का समय दिया गया था। लेकिन वजन घटाने में नाकाम रहने पर उन्हें ग्राउंड ड्यूटी पर भेज दिया गया। जानकारों का मानना है कि एयरहोस्टेस के ग्राउंड ड्यूूटी पर जाने का मतलब ये है कि उन्हें 35 से 50 हजार रुपये का नुकसान होगा जो फ्लाइंग भत्ते के तौर पर मिलता है।
मोटापे का सामना कर रहे केबिन क्रू को 6 महीने के लिए अनफिट माना जाता है, और अगर वो 18 महीनों के अंदर अपने मोटापे पर काबू पाने में नाकाम रहते हैं तो उन्हें स्थायी तौर अनफिट मान लिया जाता है। डीजीसीए ने करीब दो साल पहले मोटापे को लेकर कुछ कठोर गाइडलाइंस जारी किए थे।
क्या है गाइडलाइन ?
डीजीसीए की गाइडलाइन के मुताबिक मेल केबिन क्रू के लिए आदर्श बीएमआई 18-25 के बीच में है, जबकि महिला केबिन क्रू के लिए बीएमआई 18-22 के बीच में है। 25-29 बीएमआई वाले मेल क्रू और 22-27 से बीएमआई वाली महिला केबिन क्रू को ओवरवेट माना जाता है। इसके अलावा बीएमआई30(मेल) और 27(फीमेल) को मोटा मान लिया जाता है। एयर इंडिया के अधिकारियों का कहना है कि जिन केबिन क्रू को ग्राउंड ड्यूटूी पर भेजा गया है उनकी बीएमाई 30 से ज्यादा है।
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