वायुसेना का मिशन 2020
विश्व की चुनिंदा शक्तिशाली सेनाओं में शामिल भारतीय वायुसेना आधुनिकीकरण की राह पर है। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एनएके ब्राउन के अनुसार इस समय लड़ाकू विमानों व अन्य उपकरणों की खरीद के लिए एक लाख 51 हजार करोड़ के 31
इलाहाबाद [जासं]। विश्व की चुनिंदा शक्तिशाली सेनाओं में शामिल भारतीय वायुसेना आधुनिकीकरण की राह पर है। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एनएके ब्राउन के अनुसार इस समय लड़ाकू विमानों व अन्य उपकरणों की खरीद के लिए एक लाख 51 हजार करोड़ के 318 कॉन्ट्रेक्ट पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। अन्य कान्ट्रैक्ट भी साइन किए जा रहे हैं। यह वायुसेना के अब तक के इतिहास में सर्वाधिक है। 2005-06 से शुरू आधुनिकीकरण की यह प्रक्रिया वर्ष 2020 तक पूरी होने की संभावना है।
मध्य वायु कमान के स्टेशन कमांडरों के दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने सुबह करीब आठ बजे आए ब्राउन सोमवार को कमान के इलाहाबाद स्थित मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2005-06 में वायु सेना के आधुनिकीकरण के लिए एक समग्र योजना बनाई गई थी। इसी के तहत वर्ष 2007 से खरीद प्रक्रिया शुरू की गई है। इसमें आधुनिक लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर समेत तमाम उपकरण शामिल हैं। फिलहाल हर साल एक स्क्वाड्रन का नवीनीकरण किया जा रहा है। इसके साथ ही मिग 21 जैसे पुराने लड़ाकू विमान हटाए जा रहे हैं। एमएमआरसीए परियोजना के तहत अगले तीन वर्ष में अगर दो हल्के लड़ाकू विमानों की स्क्वाड्रन भी बेडे़ में शामिल कर ली गई तो स्थिति बेहतर रहेगी। उन्होंने कहा वायुसेना अपने बेस स्टेशनों पर उपलब्ध सुविधाओें को बढ़ाने जा रहा है। इस क्रम में मध्य वायु कमान मुख्यालय पर उपलब्ध सुविधाएं भी सुदृढ़ की जाएंगी।
वायुसेना प्रमुख ब्राउन के अनुसार इलाहाबाद के फाफामऊ में उपलब्ध एयरबेस व जमीन का भी बेहतर इस्तेमाल किया जाएगा। बमरौली एयरपोर्ट से रात में कामर्शियल फ्लाइट संचालित करने के संबंध में उनका कहना था कि वायुसेना के पास एयर ट्रैफिक कंट्रोलरों की संख्या सीमित है।
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